उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की एक महिला को एक अमेरिकी पिज्जा कंपनी ने वेज पिज्जा की बजाए नॉन वेज पिज्जा भेज दिया। इससे भड़की पीड़िता ने अमेरिकी कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में एक करोड़ रुपये हर्जाना मांगते हुए दावा ठोका है।
गाजियाबाद की दीपाली त्यागी ने 21 मार्च 2019 को अपने घर पर एक अमेरिकी पिज्जा रेस्त्रां से शाकाहारी पिज्जा बुलवाया था। लेकिन कंपनी ने उन्हें मांसाहारी पिज्जा भेज दिया था। दीपाली ने इसे लेकर उपभोक्ता फोरम में केस दायर किया है। उनका कहना है कि वह पारिवारिक व धार्मिक मान्यताओं, अपनी पसंद व अपने अंत:करण से विशुद्ध शाकाहारी हैं।
होली के दिन बुलवाया था पिज्जा
दीपाली ने बताया कि उन्होंने 2019 में होली के दिन यह पिज्जा बुलवाया था। इसे पावन दिन कंपनी ने नॉनवेज पिज्जा भेजकर उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। उनके बच्चे उस दिन होली खेलने के बाद भूखे थे, इसलिए सभी ने आधा घंटा लेट आने के बाद भी पिज्जा रख लिया, लेकिन जैसे ही पहला कोर तोड़कर खाया तो लग गया कि यह नॉनवेज है। उसमें मशरुम की बजाए मांस के टुकड़े थे।
धार्मिक भावना को पहुंचाई ठेस
पीड़िता के वकील फरहत वारसी ने बताया कि इसके बाद जब उनकी मुवक्किल ने पिज्जा कंपनी को इस बारे में शिकायत दर्ज कराई तो कंपनी ने इसे बहुत हल्के ढंग से लिया। 26 मार्च 2019 को कंपनी के एक मैनेजर ने उन्हें कॉल किया और पूरे परिवार के लिए मुफ्त में वेज पिज्जा भेजने की पेशकश की। इस पर पीड़िता ने कहा कि यह कोई साधारण केस नहीं है, हमारी धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाई गई। इसके बाद पीड़िता की ओर से दिल्ली की जिला उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज किया गया है। कंपनी से इस पर जवाब मांगा गया है। मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी।