मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अगस्त क्रांति मैदान युद्ध का मैदान था। आजादी के आंदोलन की याद दिलाने वाले इस मैदान का नवीनीकरण न करते हुए मैदान में आजादी के आंदोलन को जीवंत करने वाला स्मारक बनाया जाना चाहिए। इतिहास को जीवंत रखने और उसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है। इस दौरान स्वतंत्रता संग्राम सैनानी सत्यबोध नारायण सिंगीत, शहीद स्ववाड्रन लीडर मनोहर राणे की वीर पत्नी माधुरी मनोहर राणे, हवलदार मधुसूदन नारायण सुर्वे सहित प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता काव्या कार्तिकेयन को सम्मानित किया गया। मुंबई विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्रों ने एक देशभक्ति पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किया। सर्वप्रथम गणमान्य व्यक्तियों ने माल्यार्पण कर अगस्त क्रांति स्तंभ का अभिनंदन किया। उसके बाद मंच पर महात्मा गांधी और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को पुष्प अर्पित किए। कोरोना के नियमों का पालन करते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के 75वां वर्ष पूर्ण होने पर राज्य में यह उत्सव शुरू हो रहा है। स्वतंत्रता आंदोलन में आम लोगों ने जाति और धर्म से परे जाकर देश के प्रति अपनी भावनाओं को इजहार किया। स्वराज्य के साथ सुराज्य ला सकते हैं, यह विचार किया जाना चाहिए।
ठाकरे ने कहा कि 1942 में ग्वालिया टैंक मैदान से स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत हुई थी। उस समय दृश्य कैसा था, यह याद करने का प्रयास किया तो इस मैदान का महत्व का पता चलेगा। स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को जीवंत रखना, इस स्वतंत्रता को संजोना और इसे सुराज्य में बदलना हमारा कर्तव्य है।
आयोजन की अध्यक्षता मुंबई के पालक मंत्री असलम शेख ने की, जबकि सांस्कृतिक मामलों के मंत्री अमित देशमुख मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम में राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात, विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर, सांसद अरविंद सावंत, महापौर किशोरी पेडणेकर, विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा, मुख्य सचिव सीताराम कुंटे, सांस्कृतिक मामलों के सचिव सौरभ विजय, सूचना एवं जनसंपर्क महासंचालनालय के सचिव तथा महासंचालक दिलीप पांढरपट्टे, कलेक्टर राजीव निवास आदि उपस्थित थे।