भाजपा सांसद नारायण राणे ने महाविकास आघाड़ी सरकार के वर्ष 2021-2022 के बजट को लोगों को धोखा देने वाला और आंकड़ों में हेरफेर करने वाला करार दिया। वे शुक्रवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे।
राणे ने कहा कि राज्य के बजट में केवल आंकड़ों में हेराफेरी है। वित्त मंत्री ने राज्य की आय में पिछले वर्ष की तुलना में एक लाख 54 हजार करोड़ के घाटे की बात कही है, लेकिन इस साल 4 लाख 34 हजार करोड़ के अनुमानित खर्च की बात कही है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर पिछले साल इतना घाटा था, तो अगले साल के लिए पूर्वानुमान कैसा लगाया गया? कोरोना की स्थिति इस साल भी नहीं बदली है, अगर उद्योग शुरू नहीं होंगे तो सरकार क्या करेगी? सरकार 66,000 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे को कैसे कवर करेगी? उन्होंने पूछा कि क्या सरकार के पास कोई जवाब हैं। राणे ने कहा कि बजट में आंकड़े देने होते हैं, न कि सिर्फ आश्वासन।
राणे ने कहा कि सरकार कई योजनाएं लेकर ई है लेकिन उनमें से किसी के लिए भी कोई प्रावधान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि समुद्री मार्ग पर 9,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे, लेकिन इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। भूमि अधिग्रहण के लिए कोई प्रावधान नहीं है। वित्त मंत्री ने केवल अन्य क्षेत्रों के लिए वादे किए हैं, लेकिन एक विशिष्ट शहर, जिले के लिए प्रावधान किया है। वित्त मंत्री राज्य के हैं। वित्त मंत्री को जिले के पालक मंत्री की तरह कार्य नहीं करना चाहिए। राणे ने कहा कि सरकार ने एमपीएससी परीक्षा के नियोजन में भी हस्तक्षेप किया है। जिन उम्मीदवारों ने पहले राज्य सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की थी, उन्हें आज कृषि मजदूर के रूप में काम करना पड़ रहा है। अभी तक उनकी नियुक्ति नहीं हुई है। राज्य में कोरोना रोगियों की संख्या एक बार फिर बढ़ रही है। लगभग 60 फीसदी मरीज अकेले महाराष्ट्र से हैं।