मनसुख हिरेन मामले में मुंबई इंटेलिजंस यूनिट के पुलिस अधिकारी सचिन वझे को लेकर राज्य की गरमाई सियासत के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा व्यक्ति को फांसी देकर मामले की जांच नहीं बल्कि जांच के बाद दोषी को फांसी देनी चाहिए। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी सचिन वझे ओसामा बिन लादेन नहीं है, जिनके खिलाफ विपक्ष इतना आक्रमक हो रही है। बुधवार को बजट सत्र समाप्त होने के बाद विधानसभा में आयोजित पत्रकार परिषद में मुख्यमंत्री बोल रहे थे, उन्होंने ने कहा कि सरकार के लिए मनसुख हिरण की मौत और सांसद मोहन डेलकर की आत्महत्या दोनों मामला महत्वपूर्ण है। इन दोनों की मामले की जांच की जा रही है।
मनसुख हिरण की मौत के मामले को गंभीरता से लिया गया है। इस मामले में जो भी दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछले कई साल पहले सचिन वझे शिवसैनिक थे, लेकिन अब उनका शिवसेना से कोई संबंध नहीं है। विपक्ष को निशाना बनाते हुए सीएम ठाकरे ने कहा कि किसी मामले में व्यक्ति को सजा देने के बाद उस मामले की जांच करना यह ठीक नहीं है। पहले मामले की जांच उसके बाद दोषी को सजा मिलनी चाहिए। सचिन वझे मामले में विपक्ष द्वारा बार -बार सबूत का जिक्र किए जाने वाले सवाल के जबाब मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के पास वझे के खिलाफ जो सबूत है उसे हमने पुलिस अधिकारी को सौंपने के लिए कहा है।
इसके साथ उन्होंने कहा कि मनसुख हिरेन के साथ -साथ मुंबई में आकर आत्महत्या करने वाले सासंद मोहन डेलकर को भी न्याय मिलना चाहिए यह सरकार की मंशा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोमवार को राज्य का बजट पेश किया गया, जिसमे सर्व सामान्य जनता का ख्याल रखा गया है। राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमितों की संख्या को द्केहते हुए क्या मुंबई में दोबारा लॉकडाउन लगाया जाएगा ,इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सही है कि पिछले कुछ दिनों से मुंबई सहित राज्य के अन्य जिलों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, जिसे गंभीरता से लेते हुए जनता को कोरोना से निपटने के लिए जारी दिशा निर्देश को सख्ती से पालन करना चाहिए अन्यथा सरकार को निर्णय लेना पड़ेगा। कोरोना के संकट में अधिवेशन को विपक्ष ने भी अच्छा सहयोग किया। मौजूदा चुनौतीपूर्ण स्थिति में आम आदमी को राहत देने वाला बजट पेश किया गया था। महाराष्ट्र कभी नहीं रुका,न कभी रुकेगा।