ऑटोमोबाइल पार्ट्स व्यवसायी मनसुख हिरेन की रहस्यमयी मौत मामले में मुंबई क्राइम बांच की क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट (सीआईयू) के एपीआई सचिन वझे को उनके पद से हटाने की घोषणा गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को विधानपरिषद में की।
देशमुख ने कहा कि हिरेन की मौत मामले में राज्य सरकार निष्पक्ष जांच कराएगी। उन्होंने ने कहा कि जांच जब तक पूरी नहीं हो जाती है, तब तक पुलिस अधिकारी सचिन वझे को अपराध शाखा में उनके वर्तमान पद से हटा दिया जाएगा। विपक्ष की तरफ से बढ़ती मांग के परिप्रेक्ष्य में यह निर्णय किया गया है। विधानसभा में इसी तरह की जानकारी संसदीय कार्यमंत्री अनिल देशमुख ने दी।
मामले की होगी निष्पक्ष जांच
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार हिरेन की मौत मामले में निष्पक्ष जांच करेगी। उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित घर के बाहर 25 फरवरी को एक वाहन में विस्फोटक पदार्थ पाए गए थे। बताया जाता है कि हिरेन उस वाहन के मालिक थे। पुलिस ने कहा कि वाहन 18 फरवरी को हिरेन के पास से चोरी हो गई थी। ठाणे में विगत शुक्रवार को हिरेन का शव खाड़ी से पाए जाने के बाद मामले में रहस्य और गहरा गया था। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने हिरेन की मौत के मामले में मंगलवार को एपीआई सचिन वझे के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। देशमुख ने बुधवार को विधानपरिषद में कहा था कि अगर वझे उनकी मौत में संलिप्त पाए जाते हैं तो हम उपयुक्त कार्रवाई करेंगे। बहरहाल विधानपरिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर और अन्य विपक्षी सदस्यों ने सरकार के निर्णय पर असंतोष व्यक्त किया। दरेकर ने कहा कि वझे किसी न किसी तरह से मनसुख हिरेन की मौत के मामले में संलिप्त हैं। उन पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए। बाद में विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए देशमुख ने कहा कि जब तक आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) हिरेन की मौत मामले की जांच पूरी नहीं कर लेती है, तब तक महाराष्ट्र सरकार ने वझे को अपराध शाखा से स्थानांतरित करने का निर्णय किया है।