पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से दो जीत मिली। कोर्ट ने एक तरफ चुनाव कैंपेन में 'जय श्री राम' के नारे के इस्तेमाल के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी तो एक अन्य केस में भाजपा के डेरबा से उम्मीदवार पूर्व आईपीएस ऑफिसर भारती घोष के खिलाफ जारी अरेस्ट वारंट पर स्टे लगा दिया। सुप्रीम कोर्ट के वकील मनोहर लाल शर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया कि धार्मिक नारे का इस्तेमाल जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 (3) और 125 के तहत अपराध है।
इन प्रावधानों के मुताबिक, कोई भी उम्मीदवार या चुनाव प्रक्रिया से जुड़े किसी शख्स को धर्म, जाति, समुदाय या भाषा के नाम पर भावनाएं भड़काने की इजाजत नहीं है। याचिका में गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी का भी नाम लिया गया था और मांग की गई थी कि सीबीआई उनके खिलाफ केस दर्ज करे। साथ ही राजनीतिक पार्टी को धार्मिक नारे के इस्तेमाल से रोकने की मांग की गई थी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे की अगुआई में तीन जजों की बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने को कहा। सीजेआई के साथ जस्टिस एस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने कहा, ''इस स्थिति में, धर्म के नाम पर वोट मांगने पर, एकमात्र उपाय चुनाव याचिका से हाईकोर्ट जाना है।''