देश के जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित घर के पास विस्फोटक से भरी कार के मालिक मनसुख हिरेन की मौत मामले में विधानसभा में विपक्ष ने मुंबई क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट के सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) सचिन वझे को तत्काल निलंबित कर गिरफ्तार करने की मांग को लेकर जोरदार हंगामा किया। विपक्ष की इस मांग के खिलाफ सत्ता पक्ष की तरफ से दादरा नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर की आत्महत्या का मामला उठाया गया। इस वजह से सदन में भारी हंगामा हुआ और कार्यवाही आठ बार स्थगित करनी पड़ी। आखिरकार दिनभर के लिए कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।
गृह मंत्री के बयान की मांग पर विपक्ष आक्रामक
विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने प्रश्नकाल के तत्काल बाद यह मुद्दा उठाया और सरकार पर सचिन वझे को बचाने का आरोप लगाया। विपक्ष के नेताओं ने इस मामले में गृह मंत्री अनिल देशमुख के बयान की मांग करते हुए कहा कि जब तक बयान नहीं हो जाता, तब तक सदन की कार्यवाही नहीं चलने देंगे। इस बीच सत्ताधारी शिवसेना ने दादरा नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर की आत्महत्या का मामला भी उठाया और वहां के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके बाद लगातार हंमामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही आइ बार स्थगित करनी पड़ी।
मोहन डेलकर मामले की एसआईटी जांच
गृह मंत्री अनिल देशमुख ने अपने बयान में पहले मोहन डेलकर मामले की एसआईटी से जांच कराने की घोषणा की। सचिन वझे मामले में उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) कर रही है, विपक्ष के पास जो भी सबूत हैं, वह एटीएस को सौंप दे। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया, हालांकि गृह मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष रहा और जोरदार नारेबाजी शुरू हो गई। हंगामे के बीच सरकार की तरफ से सदन की जरूरी कार्रवाई निपटाने का काम जारी रहा।
सदन में उठा सोशल डिस्टेंसिंग का मामला
कांग्रेस विधायक नाना पटोले और शिवसेना के सुनील प्रभु ने कहा कि सरकार ने कोरोना को लेकर नियम बनाए हैं, लेकिन विपक्ष के सदस्य एक साथ एकत्रित होकर नियमों को तोड़ रहे हैं। सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए और नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।