म्यांमार में अब मीडिया कंपनियां भी सेना के निशाने पर आ गई हैं। सैन्य तख्तापलट के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों को कवर करने पर पांच मीडिया कंपनियों के लाइसेंस रद कर दिए गए। विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए पहले से ही कार्रवाई की जा रही है। कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की फायरिंग में करीब 60 लोगों की मौत हो चुकी है।
पांच स्वतंत्र मीडिया कंपनियों के लाइसेंस रद
हालांकि, इसके बावजूद इस दक्षिण पूर्व एशियाई देश में विरोध प्रदर्शनों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है।वॉयस ऑफ अमेरिका की खबर के अनुसार, म्यांमार की सैन्य परिषद ने सोमवार को पांच स्वतंत्र मीडिया कंपनियों के लाइसेंस रद करने की घोषणा की। जिन मीडिया कंपनियों के लाइसेंस रद किए गए हैं, उनमें म्यांमार नाउ, खिट थिट मीडिया, डेमोक्रेटिक वॉयस ऑफ बर्मा, मिजिमा और सेवन डे शामिल हैं। म्यांमार नाउ के दफ्तर पर छापे की भी खबर है। मिजिमा के एडिटर इन चीफ सोये मिंट ने लाइसेंस रद करने की निंदा करते हुए कहा कि सैन्य तख्तापलट के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा।
विरोध प्रदर्शन कर रहे 50 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार
विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए सुरक्षा बलों ने कार्रवाई तेज कर दी है। इस कवायद में दक्षिण म्यांमार के मएक शहर में मंगलवार को करीब 50 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। एक ट्विटर यूजर ने बताया कि प्रदर्शन कर रहे लोगों पर रबर की गोलियां भी बरसाई गई। उधर, म्यांमार के सबसे बड़े शहर में प्रदर्शनकारी सोमवार रात 8 बजे कर्फ्यू को तोड़ते हुए सामूहिक विरोध प्रदर्शन के लिए बाहर निकल आए। प्रदर्शनकारी सुरक्षा बलों द्वारा कैद में लिए गए 200 छात्रों को छोड़ने की मांग कर रहे थे। छात्रों और अन्य नागरिकों ने पहले पिछले महीने सैन्य कब्जे के खिलाफ देश भर में कई विरोध प्रदर्शनों किए, जिसमें आंग सान सू की की चुनी हुई सरकार को सेना ने खत्म कर दिया और आंग सान सू समेत कई नेताओं को गिरफ्त में ले लिया।
1 फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन जारी
बता दें कि म्यांमार में 1 फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के खिलाफ देश की सड़कों पर बड़ी संख्या में प्रदर्शन जारी है। सेना और पुलिस प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लगातार ताकत का प्रयोग कर रही है। यहां तक की सड़कों पर मौजूद लोगों पर सीधा गोली चला दी जा रही है। अब तक देश में 67 लोगों की मौत हो चुकी है।