महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर नक्सलियों के अति संवेदनशील माने जाने भामरागड उपविभाग के अंतर्गत आने वाले मुरुमभुशी गांव के नजदीक गडचिरोली पुलिस ने विशेष नक्सल विरोधी अभियान चलाकर उनका एक कैंप तबाह कर दिया। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस गौरवपूर्ण कार्य के लिए पुलिस का अभिनंदन किया है।
गृह मंत्री ने कहा कि सी -60 दस्ते के जवान नक्सल विरोधी अभियान चला रहे थे। दो दिनों तक लगातार ऑपरेशन के दौरान चार मार्च को पहले दिन दस्ते को एक संदिग्ध नक्सली दलम मिला। नक्सलियों ने पहले पुलिस पर गोलियां चलाईं। जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गोलीबारी की। इस वजह से नक्सली घने जंगल का फायदा उठाते हुए पीछे हट गए।
इसके बाद इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान पुलिस को वहां एक बड़ा कैंप मिला। इस कैंप को सी -60 के जवानों ने तबाह कर दिया। इस कैंप में हथियार बनाने वाली मशीनरी, विस्फोटक और हथियार पाए गए। उन्हें सी -60 के जवानों ने जब्त कर लिया। वापस जाते नक्सलियों ने सी-60 दल पर भारी गोलीबारी की। पुलिस टीम ने जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद नक्सली जंगल में भाग गए। इस जंगल में नक्सलियों के हथियार तैयार करने की सामग्री मिलने से इलाके में नक्सलवादियों के होने का संदेह बढ़ा।
ऐसे में दूसरे दिन पांच मार्च को सी-60 को उसी क्षेत्र में ऑपरेशन तेज करने के लिए मौके पर भेजा गया। नक्सलियों ने फिर से विशेष अभियान दस्ते के दोनों समूहों पर गोलियां चलाईं, तब सी -60 के बहादुर जवानों ने नक्सलियों के हमले का दृढ़ता से जवाब दिया। सी -60 दस्ते के जवानों के उत्कृष्ट अभियान की रणनीति और ताकत ने नक्सलियों से भागने पर मजबूर कर दिया। गृह मंत्री देशमुख ने कहा कि नक्सलियों के किले समझे जाने वाले अबूझमाड़ जैसे अतिसंवेदनशील इलाकों में जाकर सी 60 के बहादुर जवानों ने नक्सलवादियों को भारी नुकसान पहुंचाया है। जिससे नक्सलविादयों के हौंसले पस्त हो गए हैं। इससे निश्चित तौर पर नक्सल गतिविधियों में कमी आएगी।