राज्य में कोरोना का संकट टला नहीं है। इसलिए जनता से हमारी अपील है कि कोरोना के लिए लागू त्रिसूत्रीय नियम का पालन करना चाहिए। बीते सोमवार से शुरू महाराष्ट्र विधिमंडल के बजट सत्र के चौथे दिन गुरुवार को विधानपरिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार बोल रहे थे। अजित पवार ने कहा कि राज्य सरकार और जनता ने बड़ी मजबूती के साथ कोरोना महामारी का सामना किया। कोरोना ने महाविकास आघाड़ी सरकार के मंत्री और सत्तापक्ष और विपक्ष के कई विधायक भी कोरोना संक्रमित पाए गए इसमें मैं भी शामिल रहा हूं, पवार ने कहा कि यह मेरे और राज्य के सभी जनता के ख़ुशी की बात है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे,सभापति और विधानपरिषद में विपक्ष नेता प्रवीण दरेकर अभी तक कोरोना संक्रमित नहीं पाए गए है।
पवार ने कहा क़ी कोरोना के इस लड़ाई में राज्य के सभी डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस, सफाईकर्मी, आशा कार्यकर्ता शामिल थे, जिन्होंने अपनी जान को जोखिम में डालकर लोगो की सेवा की। इस दौरान पवार ने राज्य के लोगों, जनप्रतिनिधियों और गैर सरकारी संगठनों सहित लोगों का आभार व्यक्त किया। अजीत पवार ने कहा कि ‘कोरोना’ की अवधि के दौरान, राज्य भर में जंबो कोविड केंद्रों, उपचार केंद्रों सहित स्वास्थ्य कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं थी। राज्य सरकार द्वारा राज्य के आर्थिक चक्र को तेज करने के लिए, और निर्माण क्षेत्र को सक्रिय करने के लिए स्टाम्प शुल्क को कम करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इस फैसले से घर खरीदने के लेनदेन में वृद्धि हुई।
इसमें घर खरीदने वाले लोगो सपना हकीकत बनाने में मदद मिलेगी । विदर्भ और मराठा वैद्यानिक मंडल पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में कोई वैधानिक विकास बोर्ड नहीं हैं, फिर भी इन बोर्डों के अस्तित्व के आधार पर धन आवंटित किया जाएगा। सरकार विदर्भ-मराठवाड़ा और शेष महाराष्ट्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और ध्यान रखा जा रहा है कि राज्य के किसी भी हिस्से के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। जबकि राज्य को कुरान के कारण वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, केंद्र ने जीएसटी छूट में 32,000 करोड़ रुपए का बकाया है, जिसे केंद्र तुरंत भुगतान करने की उम्मीद करता है। कोरोना काल ने आर्थिक संकट के बावजूद किसानों के कर्ज माफ करने की प्रक्रिया जारी रखी।