राज्य में 33 करोड़ वृक्ष लगाने की विशेष मुहिम की विधिमंडल समिति की तरफ से जांच की जाएगी। 31 मार्च तक यह समिति गठित होगी और शुरुआत में इसे चार महीने का कार्यकाल दिया जाएगा।
इसके बाद आवश्यता होने पर कार्यकाल को दो माह आगे बढ़ाया जाएगा। छह महीने में यह समिति अपनी रिपोर्ट सभागृह को पेश करेगी। इस बात की जानकारी उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विधानसभा में दी। उपमुख्यमंत्री ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह ऐलान किया। शिवसेना के रमेश कोरगांवकर, अजय चौधरी, बालाजी किणीकर आदि सदस्यों ने इस अभियान पर सवाल उठाए थे। इसके जवाब में राज्यमंत्री दत्तात्रय भरणे ने बताया कि इस अभियान में 2429.78 करोड़ रुपए की निधि खर्च हुई और 28.27 करोड़ पेड़ लगाए गए। अक्टूबर 2020 तक इसमें से 75.63 फीसदी पेड़ सुरक्षित थे। कांग्रेस के नाना पटोले द्वारा पेड़ न लगने की शिकायत के बाद उपमुख्यमंत्री पवार ने मामले की जांच के लिए समिति बनाने का ऐलान किया। चर्चा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस, सुधीन मुनंटीवार, जयकुमार गोरे, प्रकाश सोलंके, धर्मराव बाबा आत्राम आदि ने भाग लिया।