मराठा आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार का सहयोग जरूरी : चव्हाण

राज्य में मराठा समाज आरक्षण मामले में सरकार ने अपना पक्ष मजबूती से रखा, लेकिन कुछ संवैधानिक और कानून में अड़चन आ रही है । इसलिए समाज को आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार की सहयोग की आवश्यकता है। विधानपरिषद में सदस्य के सवाल -जवाब में लोकनिर्माण मंत्री और मराठा समाज आरक्षण उपसमिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण बोल रहे थे। चव्हाण ने कहा कि आरक्षण लागू करने को लेकर सदन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन होने के कारण राज्य के इसे लागू नहीं किया गया, जिसकी आगामी 8 मार्च से नियमित सुनवाई होने वाली है,परन्तु सुनवाई शुरू होने से पहले अगर केंद्र सरकार ने तीन से चार कानून और संवैधानिक मुद्दा को लेकर अपनी भूमिका स्पष्ट करती है तो राज्य में मराठा आरक्षण के साथ -साथ अन्य कई राज्यों में जनता को आरक्षण का लाभ मिलेगा। आरक्षण उपसमिति के अध्यक्ष चव्हाण ने कहा कि मराठा समाज को आरक्षण मिले इसके लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को और हमने केंद्रीय कानून मंत्री को पत्र लिखा है। जिसका अभी तक कोई जबाब नहीं आया है।

इस संबंध में बीते 28 फ़रवरी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से  मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई थी जिसमे उपमुख्यमंत्री अजित पवार,विपक्ष नेता देवेंद्र फड़नवीस,मराठा आरक्षण उपसमिति के सदस्य महाधिवक्ता  शामिल थे, लेकिन इस बैठक में केंद्रीय कानून मंत्री उपस्थित नहीं थे। उस बैठक में विपक्ष नेता फड़नवीस ने केंद्र सरकार से सहकार्य को लेकर आश्वाशन दिया था। इंद्रा साहनी मामले में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई के दौरान 50 फीसदी से अधिक आरक्षण न देने का आदेश न्यायालय ने दिया है,लेकिन देश के 16 राज्यों में 50 फीसदी से अधिक आरक्षण हो गया है। चव्हाण ने कहा कि संसद में मंजूर आर्थिक दुर्बल समाज के लिए 10 फीसदी आरक्षण  के कारण अनेक राज्यों का आरक्षण 50 फीसदी के ऊपर चला गया है.जिसे लेकर केंद्र सरकार की ईडब्लूएस द्वारा  आरक्षण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय से आव्हान किया  है कि इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार व अटार्नी जनरल  के नेतृत्व में सभी राज्यों की एक साथ सुनवाई का प्रयास किया जाए.  बुधवार को  प्रश्नोत्तर के माध्यम से कांग्रेस के सदस्य शरद रणपिसे,भाई जगताप, वजाहत कदम  ने मराठा आरक्षण का मुद्दा सदन में उपस्थित किया था. जिसके जवाब में मंत्री अशोक चव्हाण ने यह बात कही. इस चर्चा में विपक्ष नेता प्रवीण दरेकर,विनायक मेटे, दिवाकर रावते,अमरनाथ राजुरकर,सुधीर ताम्बे,राजेश राठौड़ सहित कई अन्य सदस्यों ने हिस्सा लिया।

 

प्रकाशित तारीख : 2021-03-04 08:55:00

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