अब ग्लोबल वार्मिंग अपनी मौजूदगी का तल्ख अहसास कराने लगी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस वर्ष गर्मियों में उत्तर और पूर्वोत्तर भारत के अलावा देश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में दिन का तापमान सामान्य से ज्यादा रहेगा। मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को मार्च से मई तक के लिए पूर्वानुमान जारी करते हुए यह बात कही है। हालांकि दक्षिण और उससे लगे मध्य भारत में सामान्य से कम तापमान रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने एक बयान जारी कर कहा कि इस वर्ष गर्मियों में देश के ज्यादातर हिस्सों में तापमान सामान्य से ज्यादा रहेगा। हालांकि, दक्षिण भारतीय प्रायद्वीप और उससे लगे मध्य भारत के इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की उम्मीद है।
देश के कई हिस्सों में फरवरी के आखिरी दिनों से ही दिन का तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है। मौसम विभाग का कहना है कि तापमान का यह रुझान आगे भी बने रहने की संभावना है।
पिछले महीने की जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश में इस साल जनवरी में रिकॉर्ड किया गया न्यूनतम तापमान पिछले 62 वर्षों में सबसे ज्यादा था। मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण भारत में जनवरी के दौरान मौसम विशेष रूप से गर्म रहा। दक्षिण भारत में जनवरी माह में दर्ज किया गया न्यूनतम तापमान 22.33 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 121 वर्षों में सबसे गर्म था। यही नहीं मध्य भारत में भी जनवरी महीने में न्यूनतम तापमान 14.82 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो बीते
38 वर्षों में सबसे गर्म रहा।
मौसम विभाग ने साल 1901-2021 के आंकड़ों के तुलनात्मक अध्ययन के बाद बताया था कि इस साल जनवरी महीने में पूरे भारत में औसत तापमान 14.78 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो साल 1958 के बाद 62 वर्षों में सबसे गर्म रहा। मौजूदा वक्त में मौसम की बेरुखी साफ देखी जा सकती है। ओडिशा और झारखंड के शहरों में फरवरी के महीने में ही जून जैसी गर्मी पड़ने लगी है। भुवनेश्वर में पिछले पांच दिनों से तापमान 40 डिग्री के आसपास बना हुआ है। रविवार को यहां तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं झारखंड में जमशेदपुर और पलामू शहरों में तापमान 36.8 डिग्री रहा।