महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट अधिवेशन की हंगामेदार शुरुआत हुई। सत्र के पहले दिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अभिभाषण दिया। पहले दिन ही विपक्ष ने आक्रामक रुख अख्तियार किया। विधानसभा में विदर्भ-मराठवाडा विकास मंडल को लेकर विपक्ष और सत्तापक्ष में खींचतान देखने को मिलीं। विपक्ष ने विदर्भ-मराठवाडा विकास मंडल का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की, लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर उसने सभा का त्याग किया।
पहले घोषित करो 12 विप सदस्यों के नाम: अजित पवार
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस और पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने मांग की कि विदर्भ-मराठवाडा वैधानिक विकास मंडल का कार्यकाल बढ़ाया जाए। इस पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि जिस तरह मराठवाडा, विदर्भ का विकास होना चाहिए, उसी तरह कोकण और उत्तर महाराष्ट्र के विकास के लिए विकास मंडल बनना चाहिए। इसका प्रस्ताव दिल्ली भेजा गया है। उस पर विचार होना चाहिए। कैबिनेट में मंडल को लेकर चर्चा हुई है। इस पर राजनीति करने का विचार मत कीजिए। मंडल है, यह मानकर निधि का वितरण होना चाहिए। इसके लिए अधिक निधि देंगे। अजित पवार ने कहा कि राज्यपाल की तरफ से नियुक्त होने वाले 12 विधानपरिषद सदस्यों के नाम जिस दिन घोषित हो जाएंगे, उसके दूसरे दिन वैधानिक विकास मंडल का कार्यकाल बढ़ाने की घोषणा हो जाएगी। बता दें कि विदर्भ-मराठवाडा विकास मंडल का कार्यकाल 30 अप्रैल 2020 को समाप्त हो गया है, लेकिन सरकार ने अब तक मंडल का कार्यकाल आगे बढ़ाने में रुचि नहीं दिखाई है।
कांग्रेस-भाजपा विधायक आमने- सामने
सत्र की शुरुआत होने के पहले सत्ता पक्ष और विपक्षी दल के सदस्य एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए। दरअसल कांग्रेस की तरफ से ईंधन की दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ साइकिल रैली निकाली गई थी। यह रैली जब विधानभवन के पास पहुंची तो कांग्रेस और भाजपा के विधायक आमने-सामने आ गए। कांग्रेस विधायक केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, जबकि भाजपा के सदस्य राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। डीजल-पेट्रोल मूल्यवृद्धि के विरोध में कांग्रेस विधायक महात्मा गांधी की प्रतिमा से साइकिल से विधानभवन पहुंचे थे। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
हम भिखारी नहीं हैं: फड़नवीस
अजित पवार के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने सवाल उठाया कि क्या सभागृह में राज्यपाल के बारे में ऐसी चर्चा हो सकती है? 12 विधायकों ने विकास मंडल को बंधक बनाया लिया है। यहां कितनी राजनीति है। अजित पवार से ऐसी उम्मीद नहीं थी। राज्यपाल किसी भी पार्टी के नहीं होते। हम भीख नहीं मांग रहे हैं, हम भिखारी नहीं है। यह एक अधिकार है। इसे हम लेकर ही रहेंगे। अजित पवार ने जो कहा उसका हम विरोध करते हैं। इसके पहले सत्तापक्ष के सदस्यों की टोका टाकी से परेशान फड़नवीस ने ‘ए काय रे’ कहते हुए अपना रोष प्रकट किया।