राज्य सरकार ने बिल्डरों को फायदा पहुंचाने और विकास कामों में गति लाने के लिए प्रीमियम में 50 प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया था, जिसको मान्य करते हुए मनपा प्रशासन में भी मंजूरी दे दी गई। मनपा के इस निर्णय पर भाजपा ने विरोध जताया।
भाजपा नेता प्रभाकर शिंदे ने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी से परेशान आम नागरिकों को तो कोई छूट नहीं दी जा रही है। बल्कि 500 वर्ग फुट तक के घरों को प्रॉपर्टी टैक्स में छूट देने का किया गया वादा भी नहीं पूरा किया गया। आम नागरिकों को सिर्फ लूटने का काम है प्रीमियम में छूट देना। भाजपा के इस विरोध के चलते स्थायी समिति में शिवसेना को प्रस्ताव को मंजूर करते समय मतदान का सहारा करना पड़ा। शिवसेना को कांग्रेस और राकांपा और समाजवादी पार्टी के समर्थन से बिल्डरों को छूट देने का निर्णय मंजूर कराना पड़ा। शिवसेना का कहना है कि रियल इस्टेट बिजनेस को गति देने के लिए छूट देने का निर्णय लिया गया है। स्थायी समिति अध्यक्ष यशवंत जाधव ने कहा कि कोरोना संकट और लॉकडाउन की मार झेलने वाले रियल एस्टेट के लिए यह निर्णय संजीवनी का काम करेगा। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं वह मुंबई की जनता का अहित कर रहे हैं। प्रीमियम में सहूलियत मिलने से घर सस्ते होंगे।