राज्य सहित पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है, ऐसे में पानी की कमी भी एक बड़ी समस्या है। इसलिए जल ही जीवन है इसको ध्यान में रखते हुए पानी का संयम से उपयोग करें। सोमवार को पनवेल स्थित महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण क्षेत्र के तहत न्हावाशेवा तीसरे चरण की जल आपूर्ति योजना का भूमिपूजन करने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह बात कही। भूमिपूजन कार्यक्रम के आयोजकों को धन्यवाद देते हुए सीएम ने कहा कि रविवार को मैंने फेसबुक लाइव के जरिए प्यार और अधिकारों के बारे में बात कही, जिसमे सार्वजनिक कार्यक्रम को लेकर हमने प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन यह कार्यक्रम लोगों की अंतरंगता के बारे में है और मुख्य बात पानी है।
सभी नियमों का पालन करके आयोजित किया गया है। उसके लिए आयोजकों को बधाई। ठाकरे ने कहा कि जल ही जीवन है को ध्यान में रखते हुए हम विकास के लिए कई काम कर रहे हैं। हम देश में मेट्रो कोच बना रहे हैं। ये कोच कल हमारे राज्य में भी बनाए जाएंगे। ऐसी कोई चीज नहीं हैं, जिनका हम उत्पादन नहीं कर सकते हैं,लेकिन यह सच है कि हम पानी का उत्पादन नहीं कर सकते हैं। इसलिए जो उपलब्ध पानी है, उसका उपयोग सावधानी से कैसे करें इस पर हमें ध्यान देने की जरूरत है। नीति आयोग की बैठक में,मैंने कहा कि हम जो विकास कर रहे हैं, उसमें प्रकृति का नुकसान नहीं होना चाहिए। कोंकण में सुंदर प्राकृतिक संसाधन हैं। समुद्र तट हैं। हम ऐसा विकास नहीं चाहते हैं जो पर्यावरण को खतरे में डाले। ठाकरे ने कहा कि कुछ फैक्टरियों को आबादी से दूर स्थापित करके उन्हें आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए, लेकिन इसके लिए वन संसाधनों को नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। कोरोना के शुरुआती दिनों में, प्रदूषण का स्तर बहुत कम था। पिछले कुछ दिनों से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है ,इस पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि मुंबई के पास रायगढ़ जिले की आबादी बढ़ रही है, अगर हम पीने का उन्हें पानी नहीं देते हैं, तो भविष्य में गंभीर समस्याएं पैदा होंगी।