वरिष्ठ नागरिकों को आने वाले दिनों में अपनी आय पर अधिक टीडीएस (कमाई के स्रोत पर कर) देना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए कि 1 जुलाई, 2021 से प्रस्तावित टीडीएस के नए नियम में उन लोगों के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है, जो आयकर रिटर्न भरने के दायरे में नहीं आएंगे। ऐसे में आशंका है कि वरिष्ठ नागरिक (80 साल से अधिक) जो अपनी बचत का अधिकांश पैसा एफडी के तौर पर रखते हैं उससे होने वाली ब्याज आय पर बैंक अधिक टीडीएस काट लेंगे।
पांच लाख तक की सालाना आय पर रिटर्न भरने से छूट
सरकार ने नए नियम के मुताबिक, जिनकी सालाना आय आयकर छूट की सीमा से नीचे है उन्हें रिटर्न भरने की जरूरत नहीं है। वहीं, वैसे वरिष्ठ नागरिक जिनकी आया 80 साल से अधिक है, उनको पांच लाख तक की सालाना आय पर रिटर्न भरने से छूट है। ऐसे में अगर किसी वरिष्ठ नागरिक की सालाना ब्याज आय पांच लाख रुपये तक है तो उसे रिटर्न भरने की जरूरत नहीं है। हालांकि, टीडीएस नियम के नए प्रस्ताव में इस विशेष उम्र वर्ग के लोगों के लिए कोई अलग से प्रावधान नहीं किया है। प्रस्तावित प्रस्ताव के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति दो वित्त वर्ष का रिटर्न फाइल नहीं करता है तो उस व्यक्ति से आयकर कानून के मुताबिक या पांच फीसदी की दर के मुकाबला दोगुना टीडीएस काटा जाएगा। नए नियमों के मुताबिक, जिन लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है, उन पर टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स (टीसीएस) भी ज्यादा लगेगा। नए नियमों के मुताबिक, 1 जुलाई 2021 से पीनल टीडीएस और टीसीएल दरें 10-20 फीसदी होंगी जो कि आमतौर पर 5-10 फीसदी होती हैं। आईटीआर दाखिल नहीं करने वालों के लिए टीडीएस और टीसीएस की दर, 5 फीसदी या तय दर, जो भी ज्यादा हो, उससे दोगुनी हो जाएगी। डेलॉयट इंडिया के पार्टनर नीरू आहूजा ने कहा कि रिटर्न नहीं भरने वाले को इस तरह की कोई छूट नहीं है, लेकिन बिल लागू होने तक इंतजार करना होगा।