मराठवाड़ा और विदर्भ के संतुलित विकास के लिए गठित वैधानिक विकास बोर्ड का जल्द से जल्द विस्तार किया जाना चाहिए। इसके लिए सरकार को मंत्रिमंडल की एक विशेष बैठक बुलाकार प्रस्ताव को मंजूरी देनी चाहिए। यह विचार पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने व्यक्त किए।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में मुनगंटीवार ने कहा कि राज्य सरकार को विदर्भ-मराठवाड़ा विधान मंडलों के कार्यकाल को बढ़ाने के प्रस्ताव को तुरंत मंजूरी देना चाहिए। साल 1984 में स्थापित विदर्भ-मराठवाड़ा वैधानिक विकास बोर्ड का कार्यकाल 30 अप्रैल 2020 को समाप्त हो चुका है, जिसे बढ़ाने के लिए सरकार को मंजूरी देनी चाहिए। लेकिन सरकार पिछले एक साल से इस पर सिर्फ विचार करने की बात कर रही है। महाविकास आघाड़ी सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार विदर्भ और मराठवाड़ा की जनता के साथ अन्याय कर रही है। वर्ष 1956 में विदर्भ और मराठवाड़ा के विकास को लेकर वैधानिक विकास बोर्ड की स्थापना की गई थी। इसके बाद 1984 में विधानसभा में इस वैधानिक विकास बोर्ड को राज्य की बजट में मराठवाड़ा-विदर्भ की जनसंख्या के अनुसार विकास निधि देने का निर्णय लिया गया। हमने वैधानिक विकास बोर्ड का कार्यकाल बढ़ाने का मुद्दा तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले, लोक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण और अन्य नेताओं के संज्ञान में लाया था। साथ ही उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से भी चर्चा की थी। लेकिन वैधानिक विकास बोर्ड के कार्यकाल को बढ़ाने के प्रस्ताव पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने विदर्भ-मराठवाड़ा के जनप्रतिनिधियों से मतभेदों को भुलाकर जनहित में एकजुट होने का आव्हान किया।