बंगाल सरकार के मंत्री जाकिर हुसैन पर बुधवार को हुए बम हमले को लेकर रेल मंत्रालय के जांच अधिकारियों का कहना है कि यह टीएमसी की आपसी कलह के चलते हुआ है। रेल मंत्रालय के वो लोग जो इस धमाके की छानबीन कर रहे हैं, उनका कहना है कि इस धमाके के पीछे की वजह तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की आपसी कलह है। उन्होंने टीएमसी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की ओर इशारा करते हुए इस धमाके में आतंकवाद के एंगल को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने भाकपा के कैडरों पर लाठीचार्ज किया था, जिन्होंने पिछले सप्ताह एक रैली निकाली थी। इसमें प्रदर्शनकारियों में से एक की मौत हो गई थी, जिससे इलाके में तनाव पैदा हो गया था।
जाकिर हुसैन ने 2017 में दो टीएमसी सदस्यों के खिलाफ पुलिस शिकायत भी दर्ज की थी, जो उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे थे। इसके अलावा कई लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को और कड़ा करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह अराजकता ट्रेन संचालन को भी बाधित कर सकती है और परिणामस्वरूप आम जनता को असुविधा हो सकती है।
इस बीच ममता बनर्जी का कहना है कि जाकिर हुसैन पर हमला होना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है। ममता बनर्जी ने कहा, 'मामले की जांच की जा रही है। यह बड़ी साजिश है। उम्मीद है कि सच बाहर आएगा। उनकी स्थिति काफी नाजुक है। पल्स रेट गिरकर 50 तक आ गई है। इस घटना में घायल लोगों को हम 5 लाख रुपये की सहायता देंगे। इसके अलावा उन लोगों को भी 1 लाख की मदद दी जाएगी, जो मामूली तौर पर जख्मी हुए हैं। मामले की जांच सीआईडी, एसटीएफ और सीआईएफ को सौंप दी गई है।'
यह घटना बुधवार शाम को हुई जब बंगाल के डिप्टी लेबर मंत्री जाकिर हुसैन कोलकाता के लिए ट्रेन में सवार होने के लिए निमतिता रेलवे स्टेशन पर पहुंचे थे। टीएमसी नेता और बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने दावा किया कि इस घटना में हुसैन सहित लगभग पार्टी के 26 कैडर घायल हो गए और उनमें से 14 गंभीर रुप से घायल हैं।