भारत इस साल हवा से हवा में 160 किलोमीटर की दूरी से मार गिराने की क्षमता के साथ एस्ट्रा मिसाइल की टेस्टिंग शुरू करेगा। इसके साथ ही पाकिस्तान के साथ-साथ चीन से भी आगे निकल जाएगा। एस्ट्रा मार्क-2 मिसाइल विजिबल रेंज से बाहर भी दुश्मनों के विमान को निशाना बनाने में कारगर साबित होगी। एस्ट्रा मार्क 2 का यह रेंज भारत को अपने प्रतिद्वंद्वियों से बढ़त दिलाएगा।
हवाई युद्ध में भारत के लड़ाकू विमानों की क्षमता को और अधिक घातक बनाएगा, जैसा कि 26 फरवरी 2019 को हुए बालाकोट एयर स्ट्राइक के एक दिन बाद हुआ था। पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों ने भारती सैन्य बेस को निशाना बनाने की कोशिश की थी।
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि एस्ट्रा मार्क के लिए परीक्षण इस साल की दूसरी छमाही में शुरू होगा और हम 2022 तक इस मिसाइल को पूरी तरह से विकसित होने की उम्मीद कर रहे हैं। पूर्व केंद्रीय एयर कमांडर एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा (सेवानिवृत्त) ने कहा कि अगली पीढ़ी की मिसाइल अगले साल के अंत तक चालू होने की उम्मीद है। सेवानिवृत्त अधिकारी पिछले काफी समय से एस्ट्रा मिसाइल कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं।
एस्ट्रा विजुअल रेंज के बाहर मार करने वाली एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) है, जो कि ध्वनि की गति से चार गुना अधिक उड़ान भरती है। स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस पर 100 किमी से अधिक की स्ट्राइक रेंज मिसाइल को एकीकृत करने के प्रयास जारी हैं। सभी मौसम में दिन और रात में सक्षम एस्ट्रा, जिसकी वर्तमान में लगभग 100-किमी की स्ट्राइक रेंज है, महंगी रूसी, फ्रांसीसी और इजरायल BVRAAM की जगह लेगी।
ये मिसाइलें वर्तमान में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के लिए आयात की जाती हैं।भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना ने पहले ही 288 एस्ट्रा मार्क-1 मिसाइलों के ऑर्डर दिए हैं जो रूसी मूल के सुखोई -30 एमकेआई लड़ाकू विमानों पर पहले से ही सिद्ध हैं।