कोविड -19 महामारी ने वर्ष 2020 से सार्वजनिक जीवन को पूरी तरह से बाधित कर दिया था। ऐसे कठिन स्थिति में भी जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह से सक्रिय थे। कोरोना ने अधिकांश आबादी को दहशत में ला दिया था। लेकिन अब कोविड का टीका उपलब्ध होने के बाद वैक्सीनेशन में तेजी आ गई है। एक वर्ष के भीतर वैक्सीन का टीकाकरण चिकित्सा प्रौद्योगिकी और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की एक अभूतपूर्व उपलब्धि भी है। मुंबई में बीएमसी ने पहले और दूसरे चरण के लिए 23 टीकाकरण केंद्रों में 125 बूथों में टीकाकरण किया जा रहा है। इसे आवश्यकता अनुसार धीरे-धीरे बढ़ाया जा रहा है। कोविड डैशबोर्ड के अनुसार, 52 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मचारियों का टीकाकरण किया गया है, जिसमें 48 प्रतिशत पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं। टीकाकरण से पता चलता है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं आगे आकर टीका लगवा रही हैं।
बीएमसी के अनुसार, पहले लोग टीके पर संदेह के कारण इसे लगवाने से डरते थे, लेकिन अब फ्रंटलाइन वर्कर आगे आकर टीका लगवा रहे हैं। बीएमसी ने 13 जनवरी को महाराष्ट्र सरकार से टीके की पहली खेप प्राप्त की थी। अब तक बीएमसी को 532,100 टीके प्राप्त हुए हैं।
16 जनवरी, से टीकाकरण शुरू किया गया था। पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए टीकाकरण शुरु किया गया था। जिसमें, नौ टीकाकरण केंद्रों पर टीके लगाए जा रहे थे। लेकिन अब टीकाकरण की गति तेज हो गई है। टीकाकरण की शुरुआत के बाद से 12 फरवरी तक एक लाख सात हजार 725 से अधिक लाभार्थियों को मुंबई में टीका लगाया गया है, जिसमें 87,416 स्वास्थ्य कर्मी और 20,309 फ्रंटलाइन वर्कर शामिल हैं। टीकाकरण के बाद इनमें से किसी भी लाभार्थी पर कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पाया गया। टीका को लेकर शुरूआत में जिस तरह से लोगों में भय था वह अब दूर होता जा रहा है और लोग टीका लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं।