महानगर में उत्तर भारत से चारों धाम तीर्थ यात्रा के दौरान तथा कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का इलाज कराने आने वालों की असुविधा को देखते हुए उत्तर भारतीय संघ, मुंबई के अध्यक्ष और भाजपा विधायक आरएन सिंह ने एक गेस्ट हाऊस के निर्माण का सपना देखा था। यह सपना अब हकीकत का रूप ले चुका है। बांद्रा पूर्व के टीचर्स कॉलोनी स्थित उत्तर भारतीय संघ भवन परिसर में निर्मित गेस्ट हाऊस का काम पूरा हो चुका है। आगामी मई महीने के पहले देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की मौजूदगी में गेस्ट हाऊस का उद्घाटन होगा। इसके बाद यह सुविधा आम लोगों के लिए शुरू हो जाएगी। इससे उत्तर भारत से आने वाले तीर्थयात्रियों और कैंसर जैसी अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों और उनके परिजनों को भारी राहत मिलेगी। आरएन सिंह ने कहा कि असाध्य बीमारियों से ग्रस्त मरीज और उनके रिश्तेदार तथा उत्तर भारत के तीर्थयात्री जब मुंबई आते थे तो उन्हें बड़ी असुविधा होती थी। कई बार तो उन्हें फुटपाथ पर रहना पड़ता था। मैंने ऐसे लोगों के लिए ही गेस्ट हाऊस निर्माण का सपना देखा था, जो अब पूरा हो गया है।
उत्तर भारतीय संघ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उत्तर भारतीय संघ के महामंत्री नंदलाल उपाध्याय ने बताया कि उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों से बड़ी संख्या में मरीज मुंबई के टाटा कैंसर अस्पताल में इलाज कराने आते हैं। मरीज और उनके रिश्तेदारों को अस्पताल के बाहर सड़कों पर रहना पड़ता है। ऐसे में उत्तर भारतीय संघ, मुंबई के अध्यक्ष और भाजपा विधायक आरएन सिंह ने समाज के उक्त लोगों के लिए एक गेस्ट हाऊस बनाने का सपना देखा। उनका यह सपना सच हो गया है। गेस्ट हाऊस को मूर्त रूप देने में दो साल का वक्त लगा। उन्होंने कहा कि उत्तर भारतीय संघ में निर्मित गेस्ट हाऊस की सुविधा को ‘नो प्रॉफिट, नो लॉस’ पर चलाया जाएगा। इस प्रस्ताव पर संघ के अध्यक्ष आरएन सिंह की उपस्थिति में कार्यसमिति की बैठक बुलाई जाएगी और फैसला लिया जाएगा।
उपाध्याय ने कहा कि मुंबई के अस्पतालों में उत्तर भारत से इलाज के लिए बड़े पैमाने पर लोग आते हैं। आर्थिक तंगी में जी रहे लोगों को रुकने के लिए भारी परेशानी से गुजरना होता है। इन लोगों को परेशानी से बचाने के लिए उत्तर भारतीय संघ ने यह कदम उठाया। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत से आने वाला कोई मरीज यहां स्थान पा सकता है। यह पहले आओ पहले पाओ पद्धति पर चलेगा, परंतु आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।
50 बेड की डोरमेट्री
इलाज़ के लिए आने वाले मरीजों एवं तीर्थयात्रियों के लिए उत्तर भारतीय संघ में छह हजार 800 वर्ग फीट में 50 बेड की डोरमेट्री और पांच एसी रूम तैयार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि उत्तर भारत से इलाज के लिए आने वाले मरीजों और तीर्थयात्रियों को हर तरह की राहत मिले।