वित्त मंत्रालय ने चार राज्यों को पांच हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज जुटाने की मंजूरी दी है। इसमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और असम शामिल हैं। मंत्रालय के मुताबिक इन राज्यों ने कारोबारी सुगमता के लिए निर्धारित सुधारों को पूरे कर लिए हैं।
ज्यादा फायदा हरियाणा को मिलेगा
मंत्रालय के मुताबिक इन राज्यों को ओपन मार्केट से 5,034 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज लेने की अनुमति दी जा रही है। इसमें सबसे ज्यादा हरियाणा को मिलेगा, क्योंकि इसके हिस्से में 2,146 करोड़ रुपए आएंगे। पंजाब के हिस्से में 1,516 करोड़, असम के 934 करोड़ और हिमाचल प्रदेश के 438 करोड़ रुपए आएंगे। अब कारोबारी सुगमता के लिए निर्धारित सुधारों को लागू करने वाले राज्यों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। इन राज्यों को 28.18 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज उठाने की मंजूरी दी जा चुकी है।
सरकार की कोशिश राज्यों को कोरोना की मुश्किलों से उबारने की सरकार ने महामारी से पैदा हुई चुनौतियों के देखते हुए संसाधनों की जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए। इसके तहत पिछले साल मई में राज्यों की कर्ज लेने की सीमा को उनके राज्य सकल घरेलू उत्पाद यानी GSDP के 2% के बराबर बढ़ा दिया। राज्य इनमें से आधा अतिरिक्त कर्ज कुछ नागरिक केंद्रित सुधारों को पूरा कर ले सकते हैं। इनमें एक देश एक राशन कार्ड सिस्टम को लागू करना, कारोबार सुगमता सुधार, शहरी स्थानीय निकाय सुधार और बिजली क्षेत्र के सुधार शामिल हैं।
ईज ऑफ डुइंग के लिहाज से टॉप पर है आंध्र प्रदेश
कारोबारी सुगमता संकेतक संबंधित राज्य में निवेश के अनुकूल माहौल को दिखाता है। माना जाता है कि इस क्षेत्र में सुधार से राज्य की अर्थव्यवस्था में तेजी से विकास की राह खुलती है। भारत में कारोबारी सुगमता के लिहाज से आंध्र प्रदेश सबसे ऊपर है। फिर उत्तर प्रदेश और तेलंगाना का नंबर आता है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक 2020 में ईज ऑफ डुइंग के लिहाज से भारत दुनियाभर में 63वें पायदान पर रहा।