उच्च न्यायालय ने कोल्हापुर, सांगली, सातारा, पुणे, सोलापुर और नासिक जिलों में 35 ग्राम पंचायतों के चुनाव पर रोक लगा दी। ग्राम पंचायत चुनावों के बाद, राज्य सरकार ने सरपंच पद के लिए आरक्षण हटा दिया था। पुणे, सांगली, सतारा, सोलापुर और नासिक जिलों के ग्राम पंचायत सदस्यों ने सरपंच पद के ड्रा और आरक्षण पर आपत्ति जताते हुए वकीलों द्वारा याचिका दायर की है।
याचिकाओं पर शुक्रवार को न्यायमूर्ति शाहरुख काथावाला और न्यायमूर्ति विनय जोशी की पीठ ने संयुक्त रूप से सुनवाई की।अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला दिया कि इस तरह का चुनाव गलत था। उन्होंने सरपंच पद के लिए आरक्षण ड्रा पर भी सवाल उठाया। साथ ही अदालत ने आरक्षण ड्रा में अनियमितता का हवाला देते हुए उपरोक्त जिलों के 35 सरपंच पदों के लिए चुनाव स्थगित कर दिया। जिला कलेक्टर को आरक्षण पर आपत्ति करने वाले याचिकाकर्ताओं की शिकायतों पर नए सिरे से सुनवाई करनी चाहिए और 16 फरवरी तक आरक्षण को ठीक करना चाहिए। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि सरपंच चुनाव तब तक नहीं होने चाहिए।