म्यांमार की पुलिस ने अपदस्थ नेता सू की पर लगाया अवैध रूप से संचार उपकरण आयात करने का आरोप

म्यांमार की पुलिस ने अपदस्थ नेता आंग सान सू के खिलाफ अवैध रूप से संचार उपकरण आयात करने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्हें जांच के लिए 15 फरवरी तक हिरासत में रखने की बात कही है। बता दें कि सेना ने सोमवार को तख्तापलट करके नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की को गिरफ्तार कर लिया था। सेना के इस कदम का अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों ने क़़डा विरोध किया था। पुलिस ने अदालत को बताया कि राजधानी नेपिता में उनके घर की तलाशी के दौरान वाकी-टाकी रेडियो मिला।

सू की पर अवैध रूप से संचार उपकरण आयात करने का आरोप

पुलिस का आरोप है कि रेडियो को ना केवल अवैध रूप से आयात किया गया था बल्कि इसके इस्तेमाल के लिए अनुमति भी नहीं ली गई थी। पुलिस ने आपदा प्रबंधन कानून के तहत अपदस्थ राष्ट्रपति विन म्यिंट के खिलाफ आरोप दायर किए हैं। इससे पहले नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने आरोप लगाया है कि देशभर में स्थित उसके आफिसों पर छापा मारा जा रहा है। 

सेना द्वारा की जा रही कार्रवाई गैर-कानूनी

पार्टी ने सेना द्वारा की जा रही इस कार्रवाई को गैर-कानूनी बताया है। देश में लोकतंत्र बहाली के लिए आंदोलन चलाने वाली सू की 1989 से 2010 तक नजरबंद रही हैं। रोहिंग्या मुस्लिमों के पलायन के बावजूद सू की देश की सबसे प्रसिद्ध नेता हैं।

चुनावों की जांच कराएगी सेना म्यांमार की सेना

पिछले वर्ष हुए चुनावों की जांच कराने की योजना बना रही है। दरअसल, सेना शुरुआत से चुनावों में धांधली का आरोप लगाती रही है। इस संबंध में उसने चुनाव आयोग में शिकायत भी की थी, लेकिन आयोग ने किसी तरह की अनियमितता से इन्कार कर दिया था।

बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या मुस्लिमों ने की तख्तापलट की निंदा

बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या मुस्लिमों ने भी तख्तापलट की निंदा की है और कहा है कि इससे उनके देश लौटने की संभावना पर असर प़़डेगा। तख्तापलट के खिलाफ डॉक्टरों का प्रदर्शन सेना द्वारा किए गए तख्तापलट के खिलाफ सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने बुधवार को काम बंद रखा।

चिकित्सकों ने लाल फीता बांधकर सेना के खिलाफ की नारेबाजी

 

चिकित्सकों ने लाल फीता बांधकर सेना के खिलाफ नारेबाजी भी की। हाल ही में गठित हुए म्यांमार नागरिक असहयोग आंदोलन ने एक बयान में कहा कि विरोध-प्रदर्शन में 70 अस्पतालों के डॉक्टरों और तीस कस्बों के मेडिकल विभागों ने हिस्सा लिया।

लोगों ने कार के हार्न और बर्तन बजाकर किया तख्तापलट का विरोध 

लोगों ने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के दौरान सेना ने आम लोगों की दिक्कतों से ज्यादा अपने हितों को महत्व दिया, जिसके चलते 3100 लोगों की मौत हुई। दक्षिण-पूर्व एशिया में कोरोना से मरने वालों की यह सर्वाधिक संख्या है। लोगों ने कार के हार्न और बर्तन बजाकर भी तख्तापलट का विरोध किया।

किसी भी कार्रवाई से तनाव बढ़ेगा, स्थिति और जटिल होगी

वहीं राष्ट्रपति बाइडन द्वारा कार्रवाई करने की धमकी पर संयुक्त राष्ट्र में तैनात चीन के एक राजनयिक ने कहा कि किसी भी कार्रवाई से तनाव बढ़ेगा, स्थिति और जटिल होगी।

प्रकाशित तारीख : 2021-02-03 20:28:00

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