मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कैबिनेट ने सहकारिता विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
शिवराज कैबिनेट ने तय किया है कि दुग्ध संग्रह के किसान जो कोरोना काल के भुगतान के लिए परेशान थे उनको 14 करोड़ 80 लाख दिए जाएंगे। किसानों से सरकारी बैंकों से दिए पैसे पर ब्याज नहीं लिया जाएगा।
24 लाख किसानों को इसका लाभ मिलेगा। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया, सरकार ने राज्य के करीब 24 लाख किसानों का 550 करोड़ रुपए का ब्याज माफ करने का फैसला लिया है। बता दें कि साल 2019-20 में सहकारी बैंकों ने शून्य प्रतिशत ब्याज पर 14 हजार करोड़ का कर्ज राज्य के किसानों को दिया था, लेकिन मूल राशि चुकाने की अवधि समाप्त होने के बाद किसानों को ब्याज देना पड़ता है। लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद अब किसानों को यह ब्याज नहीं चुकाना पड़ेगा, क्योंकि यह राशि अब सरकार सहकारी बैंकों को देगी। उन्होंने बताया जैसे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को पेपरलेस बजट संसद में पेश किया था। अब वैसे ही मध्य प्रदेश में भी वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट टैबलेट से प्रस्तुत करेंगे। कैबिनेट ने तय किया है कि इस वर्ष का बजट पेपरलेस होगा। वित्त मंत्री जी के द्वारा बजट टैबलेट पर प्रस्तुत किया जाएगा। यह किसी भी राज्य का पहला पेपरलेस बजट होगा।