वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आम बजट में पेट्रोल पर 2.5 रुपये और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगाने का ऐलान किया गया है। जिसके चलते चारों तरफ चर्चा है कि इस सेस के चलते पेट्रोल-डीजल की कीमत में इजाफा होगा। हालांकि ऐसा नहीं है कि इस सेस के लागू होने से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई इजाफा होगा।
इसकी वजह है कि सरकार एक तरफ एग्रीकल्चर सेस लगाएगी तो दूसरी तरफ एक्साइज ड्यूटी में कमी भी करेगी। बेसिक एक्साइज ड्यूटी और स्पेशल अडिशनल एक्साइज ड्यूटी में कमी के जरिए इसे बैलेंस किया जाएगा। इस तरह से समझें तो एग्रीकल्चर सेस से किसानों के लिए ढांचागत विकास किया जाएगा, लेकिन इससे पेट्रोल और डीजल के उपभोक्ताओं पर कोई असर भी नहीं होगा। इस सेस के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'कृषि ढांचे को तत्काल विकसित किए जाने की जरूरत है। इसके अलावा कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग को भी बेहतर करने की जरूरत है ताकि किसानों की आजीविका में इजाफा हो सके।' उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए रिसोर्स जुटाने की जरूरत है। ऐसे में हमने एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डिवेलपमेंट सेस लागू करने का फैसला लिया है। पेट्रोल, डीजल और सोना-चांदी जैसी कुछ चीजों पर यह सेस लागू किया जाएगा।
आइए अब समझते हैं कि आखिर एक्साइज ड्यूटी में कितने की कमी होगी, जिससे एग्रिकल्चर सेस के जरिए बढ़े बोझ से ग्राहकों पर असर नहीं होगा।
दरअसल सरकार ने पेट्रोल पर बेसिक एक्साइज ड्यूटी को घटाते हुए 2.98 रुपये प्रति लीटर से 1.4 रुपये लीटर ही करने का फैसला लिया है। इसके अलावा डीजल पर बेसिक एक्साइज ड्यूटी 4.83 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 1.8 रुपये प्रति लीटर की जाएगी। इसके अलावा दोनों ईंधनों पर लगने वाली स्पेशल एक्साइज ड्यूटी में भी 1 रुपये प्रति लीटर की कमी की जाएगी। पेट्रोल पर यह ड्यूटी 11 रुपये प्रति लीटर ही रह जाएगी और डीजल पर यह 8 रुपये प्रति लीटर होगी। इस तरह से देखें तो सरकार ने एक तरह से टैक्स को जहां का तहां रखा है, लेकिन उसकी मदों में बदलाव किया है।