कोरोना काल में लोगों को सेवा सुविधा देने के लिए मनपा कर्मचारियों का उपयोग किया गया। मनपा कर्मचारियों को इस दौरान 300 रुपए रोजाना भत्ता दिया गया। मनपा रोजाना लगभग 80 हजार कर्मचारियों को सुविधा के लिए काम पर लगाया था, जिन पर हर महीने 70 करोड़ रुपए खर्च किया गया।
मुंबई में मार्च महीने में फैली कोरोना महामारी के बाद सबसे बड़ी परेशानी लोगों तक पहुंचना और उनकी देखभाल करना बहुत जरूरी था। कोरोना महामारी का फैलाव एक-दूसरे के सम्पर्क में आने से बड़ी तेजी से हो रहा था। इस बीच लोगों को मूलभूत सुविधा पहुंचाना एक बड़ी समस्या हो गई थी। मनपा प्रशासन इस दौरान काम पर न आने वाले कर्मचारियों को जबरन काम पर बुलाया। इस दौरान लोकल सेवा आदि उपलब्ध नहीं होने से कर्मचारियों को 300 रुपए रोजाना का भत्ता देने का निर्णय मनपा प्रशासन ने लिया, जिसे दिसंबर में बंद किया गया। कोरोना काल में लोगों को सुविधा देते समय लगभग 100 कर्मचारी कोरोना की चपेट में आ गए, जिससे उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। मनपा ने कर्मचारियों को कोरोना काल में दिए गए भत्तों पर कुल 383 करोड़ रुपए खर्च किया। मनपा के लगभग एक लाख दो हजार कर्मचारियों में से लगभग 80 हजार कर्मचारी कोरोना काल में लोगों को सुविधा उपलब्ध कराने में जुटे रहे।