वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को अपने वादे का ‘अलग हटके’ बजट पेश करने वाली हैं। इस बजट से उम्मीद की जा रही है कि इसमें महामारी से पीड़ित आम आदमी को राहत दी जायेगी। साथ ही स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे और रक्षा पर अधिक खर्च के माध्यम से आर्थिक सुधार को आगे बढ़ाने पर अधिक ध्यान दिये जाने की भी उम्मीद की जा रही है।
यह एक अंतरिम बजट समेत मोदी सरकार का नौवां बजट होने वाला है। यह बजट ऐसे समय पेश हो रहा है, जब देश कोविड-19 संकट से बाहर निकल रहा है। इसमें व्यापक रूप से रोजगार सृजन और ग्रामीण विकास पर खर्च को बढ़ाने, विकास योजनाओं के लिये उदार आवंटन, औसत करदाताओं के हाथों में अधिक पैसा डालने और विदेशी कर को आकर्षित करने के लिये नियमों को आसान किये जाने की उम्मीद की जा रही है।
सीतारमण ने 2019 में अपने पहले बजट में चमड़े के पारंपरिक ब्रीफकेस को बदल दिया था और लाल कपड़े में लिपटे ‘कही-खाते’ के रूप में बजट दस्तावेजों को पेश किया था। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष का बजट इस तरीके का होगा, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया। विशेषज्ञ चाहते हैं कि यह बजट कुछ इस तरीके का हो, जो भविष्य की राह दिखाये और दुनिया में सबसे तेजी से वृद्धि करती प्रमुख अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाये। सोच-समझकर तैयार किया गया बजट भरोसा बहाल करने में लंबी दौड़ का घोड़ा साबित होता है। इसे सितंबर 2019 में पेश मिनी बजट या 2020 में किस्तों में की गयी सुधार संबंधी घोषणाओं से स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। बजट सत्र का पहला चरण तय वक्त के दो दिन पहले 13 फरवरी को खत्म होगा।
किसानों को मिलेगा तोहफा !
तीन नए कृषि कानूनों के विरोध को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार किसानों के लिए एक नए तोहफे का ऐलान बजट में कर सकती है। किसानों को साहूकारों और सूदखोरों के चंगुल में फंसने से बचाने के लिए और खेती के कार्य के लिए सस्ती दर ऋण उपलब्ध कराने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड देती है। किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसान को तीन लाख रुपए तक का ऋण दिया जाता है। अब उम्मीद है कि केंद्र सरकार किसान क्रेडिट कार्ड की निर्धारित लोन की लिमिट को बढ़ा सकती है।
टैक्स छूट की सीमा हो सकती है 3 लाख रुपए
कोरोना काल के दौरान लोगों के हाथों में खर्च करने के लिए अधिक पैसे देने के मसकद से बजट 2021-22 से सबसे बड़ी उम्मीद तो यही है कि इस बार सरकार टैक्स छूट की सीमा को बढ़ा सकती है। अभी टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपए है, जिसे बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया जा सकता है। ऐसी उम्मीद इसलिए भी की जा रही है, क्योंकि पिछले करीब 7 सालों से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। जुलाई 2014 में आए बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह सीमा 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए की थी।