गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किला और विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा के बाद किसानों का आंदोलन लगभग खत्म होने की कगार पर है। गुरुवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने पूरे दिन हाईवोल्टेज ड्रामा किया लेकिन पुलिस प्रशासन ने आंदोलन खत्म कर गाजीपुर बॉर्डर को खाली कराने का दबाव बनाए रखा।
नए कृषि कानूनों के विरोध में करीब दो महीनों ने यूपी गेट और गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डालकर बैठे किसानों को हटाने के लिए पुलिस ने कमर कस ली है। इसके लिए धरनास्थलों के बिजली-पानी काटकर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी बढ़ा दी गई। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की बढ़ी तादाद को देखकर किसान आशंकित दिखे और वे अपने घर की ओर रुख कर लिए जिससे किसान नेताओं को विश्वास हो गया कि उनका आंदोलन अकाल मौत मरने जा रहा है।
आंदोलन को दम तोड़ते देख राकेश टिकैत ने धमकी, चेतावनी और डराने का नाटक घंटों खेला । उन्होंने कहा कि वह आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। उनके साथ जबरदस्ती की गई तो वह फांसी लगा लेंगे। वह मीडिया से बात करते-करते खूब रोए। उन्होंने अनशन शुरू कर दिया। जिद करने लगे की घर से पानी आएगा तभी पिएंगे।
इधर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के सभी डीएम और एसएसपी को सभी आंदोलनों को खत्म करने का निर्देश दिया तो पूरा क्षेत्र छावनी में तब्दील हो गया।
बॉर्डर इलाकों में दिल्ली पुलिस ने धारा 144 लागू करके कई महामार्गों को बंद कर दिया। इस बीच पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी को देखते हुए भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) और बीकेयू (एकता) के सदस्यों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की। लोक शक्ति के एसएस भाटी ने कहा, “लाल किले की घटना से हम भी आहत हैं। सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि वे किसानों के साथ बातचीत के िलए प्रतिबद्ध रहेंगे।” इसलिए हम आंदोलन से हट रहे हैं।
इस बीच भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष एवं राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत ने कहा कि हम धरना समाप्त कर देंगे। धरना स्थल (गाजीपुर बॉर्डर) पर पानी, बिजली अन्य सुविधाएं बंद कर दी गईं हैं। अब हम वहां क्या करेंगे? उठ ही जाएंगे। इसके बाद राकेश टिकैत ने कहा जब तक कानून वापस नहीं होते उनका आंदोलन जारी रहेगा। भाई टिकैत की जिद को देखते हुए नरेश टिकैत ने अपने गांव में पंचायत बुलाई। इस बीच, टिकैत बंधुओं को वेस्ट यूपी के प्रमुख दल राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के नेता चौधरी अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी का साथ मिला। चौधरी ने संदेश दिया कि चिंता मत करो, किसान के लिए जीवन मरण का प्रश्न है। सबको एक होना है, साथ रहना है।’ लेकिन आंदोलन अॉक्सीजन पर अंतिम सांस लेता दिख रहा है।