ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर देश में चिंता बढ़ गई थी। इसी बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महासचिव डॉक्टर बलराम भार्गव ने राहत की खबर दी है। उन्होंने बताया है कि भारत बायोटेक में बनकर तैयार हुई कोवैक्सीन के जरिए वायरस के इस नए स्ट्रेन का सामना किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि देश में अब तक नए स्ट्रेन के 164 मामले सामने आ चुके हैं।
प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बलराम भार्गव ने कहा 'हम यह जानना चाहते थे कि मौजूदा वैक्सीनें यूके स्ट्रेन पर काम कर रहीं या नहीं। कुछ अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स थीं, जिनमें कहा गया था कि कुछ वैक्सीन कारगर हैं। हमने कोवैक्सीन पाने वाले मरीजों के डेटा पर गौर किया।' उन्होंने बताया कि मरीजों का खून लेकर उसमे से सीरम को निकाला गया और कल्चर्ड वायरस के साथ टेस्ट किया गया। आईसीएमआर प्रमुख ने कहा 'हमने पाया कि भारत में सर्कुलेट हो रहे स्ट्रेन के तरह ही यूके का स्ट्रेन भी बेअसर हुआ।' उन्होंने कोवैक्सीन पर भरोसा जताया है। डॉक्टर भार्गव ने कहा 'यह बहुत ही आश्वस्त करने वाली खबर है कि इस वैक्सीन से यूके वैरिएंट का सामना किया जा सकता है।' उन्होंने बताया कि दुनियाभर में वायरस के कई वैरिएंट्स नजर आ रहे हैं, लेकिन मौजूदा समय में भारत में एक यही वैरिएंट है। प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने बताया कि ब्रिटेन में मिला स्ट्रेन दुनिया के 70 देशों तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि भारत में हमने इसके 164 मामलों की पहचान की है। 22-23 दिसंबर को हमने यूके वैरिएंट का पहला मामला खोज लिया था।