कोरोनावायरस से फैली महामारी के बीच पिछले साल बड़ी कंपनियां छंटनी कर रही थीं तो स्टार्टअप भर्तियां बढ़ाने में जुटी थीं। कॉमर्स मिनिस्ट्री की स्टार्टअप इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टार्टअप्स ने पिछले वित्त वर्ष सितंबर तक 1.70 लाख लोगों को रोजगार दिए थे। इस समय देश में 40,000 रजिस्टर्ड स्टार्टअप हैं जो 2016 से अब तक करीब 4.7 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दे चुकी हैं।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री गुजरात के को-चेयर सुनील पारेख बताते हैं कि कोरोना में ऑनलाइन ट्रेंड ने जोर पकड़ा, जिसका फायदा टेक स्टार्टअप को हुआ। कोरोना में रुकी फंडिंग सितंबर के बाद दोबारा शुरू हो गई, जिससे उनकी ग्रोथ को बढ़ावा मिला। छोटी इंडस्ट्रीज या उद्योग-धंधे भी टेक्नोलॉजी को अपना रही हैं, जिसके चलते टेक-स्टार्टअप का काम और बढ़ सकता है। रिक्रूटमेंट एजेंसी 'पोस्ट अ रिज्यूम' के फाउंडर और बिजनेस हेड विपुल माली बताते हैं कि स्टार्टअप्स की इंक्वायरी 30% बढ़ी है। कोरोनावायरस के चलते हुए लॉकडाउन में टेक-स्टार्टअप काम बढ़ा तो भर्तियां भी बढ़ीं। अहमदाबाद की वर्चुअल इवेंट टेक्नोलॉजी स्टार्टअप हुबिलो ने पिछले छह महीनों में 130 लोगों को नौकरी दी है।