गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हुई किसान हिंसा के बाद यूपी सरकार भी सख्त नजर आ रही है। यूपी सरकार ने गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे प्रदर्शनकारी किसानों को हटाने का निर्देश दे दिया है, जहां भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया है।
बॉर्डर पर आईजी, डीएम और एसएसपी भी मौके पर पहुंच गए हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि यूपी सरकार के निर्देश के बाद किसानों को हटाया जा सकता है। गाजियाबाद एडीएम सिटी शैलेन्द्र कुमार सिंह गाजीपुर सीमा पर कहा, सीआरपीसी की धारा 133 (उपद्रव हटाने के सशर्त आदेश) के तहत उन्हें (किसानों को) एक नोटिस दिया गया है। गाजीपुर बॉर्डर दिल्ली और यूपी के बीच स्थित है, जहां चप्पे-चप्पे पर पुलिसबल तैनात कर दिया गया है। पुलिस बॉर्डर को चारों ओर से पुलिस ने घेर लिया है।
किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने अपनी गिरफ्तारी का खंडन कर दिया है। उन्होंने कहा कि हम बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन गिरफ्तारी नहीं देंगे। अगर यहां कुछ होगा तो इसके लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार होगा। टिकैत बोलते-बोलते रोने गले, कहा कि कृषि कानून वापस नहीं हुए तो आत्महत्या कर लूंगा। राकेश टिकैत ने कहा कि मैं गिरफ्तारी नहीं देने वाला हूं। लाल किले पर झंडा किसने फहराया इसी जांच सुप्रीम कोर्ट करे, जो दोषियों पर कार्रवाई हो।
सिंघु बॉर्डर के बाद गाजीपुर में भी स्थानीय लोगों ने आंदोलनकारियों का विरोध कर रहे हैं। स्थानीय लोग प्रदर्शनकारियों का विरोध करते हुए कह रहे हैं कि तिरंगे का अपमान सहन नहीं किया जाएगा। टिकरी बॉर्डर पर भी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है।
बोलते-बोलते रो पड़े किसान नेता कहा, कृषि कानून वापस नहीं हुए तो कर लूंगा आत्महत्या।
- किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने अपनी गिरफ्तारी का खंडन कर दिया है। उन्होंने कहा कि हम बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन गिरफ्तारी नहीं देंगे। अगर यहां कुछ होगा तो इसके लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार होगा।
- गाजीपुर बॉर्डर से किसानों के टेंट हटाए जा रहे हैं।
- पुलिस ने आंदोलनकारियों किसानों को जगह खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है।
गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने तंबू हटाने शुरू कर दिए हैं, जहां हजारों की संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं।