पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष व लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि किसान 56 दिन से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे. इस अवधि में केंद्रीय खुफिया विभाग व सरकारी तंत्र क्या सो रहा था? यह उनकी नाकामी है कि किसान लाल किला तक पहुंच गये और पुलिस देखती रही?
कोलकाता में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने सवाल किया कि यह केंद्र सरकार की साजिश तो नहीं, जो किसानों को बदनाम करने के लिए इस तरह के तत्वों को बढ़ावा दिया? उन्होंने कहा कि जब भी देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ माहौल बनता है, तो आंदोलन को तोड़ने के लिए इस तरह की साजिश रची जाती है. लोगों को कभी पाकिस्तान या खालिस्तान के नाम पर भरमाया जाता है.
श्री चौधरी के मुताबिक, देश की जनता उनकी इस साजिश को समझ गयी है. वह अब किसी के झांसे में आने वाली नहीं है. लिहाजा, सरकार की साजिश से किसान आंदोलन थमने वाला नहीं है. केंद्र सरकार को किसानों की मांग हर हाल में माननी होगी. इसमें किसी तरह का टाल-मटोल स्वीकार्य नहीं है.
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार को यह बताना होगा कि 26 जनवरी के पावन पर्व पर जब देश में महत्वपूर्ण अतिथि मौजूद थे, हजारों लोग कैसे लाल किला तक पहुंच गये. क्या यह खुफिया विभाग की नाकामी है या सरकारी साजिश इसका जवाब देना होगा.