ताइवान के मामले में चीन ने आक्रामक रुख अपना लिया है। उसने सीधे चेतावनी दी है कि ताइवान अगर स्वतंत्रता की बात करता है तो इसका सीधा मतलब युद्ध है। चीन ने कहा है कि ताइवान उसका अभिन्न अंग है। विदेशी हस्तक्षेप या कोई भी उकसावे की कार्रवाई का उसकी सेना मुहंतोड़ जवाब देगी। ज्ञात हो कि पिछले दिनों में चीन के फाइटर जेट और बमवर्षक विमान निरंतर ताइवान की सीमा में घुस रहे हैं। ताइवान ने इसका विरोध किया है और अमेरिका ने भी चीन से ताइवान पर दबाव न बनाने के लिए आगाह किया है। राष्ट्रपति साई इंग वेन ने भी ताइवान को स्वतंत्र राष्ट्र बताया है। इन हालातों में चीन की भाषा बदल गई है।
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने कहा है कि ताइवान चीन का अभिन्न हिस्सा है। ताइवान के क्षेत्र में चीनी सेना की सुरक्षा जरूरी हो गई है। ताइवान के जलक्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है। यहां मुट्ठीभर लोग इसकी स्वतंत्रता की बात कर रहे हैं। हम उन स्वतंत्रता समर्थकों को चेतावनी देते हैं कि ऐसी भाषा बोलने का सीधा मतलब युद्ध है। इधर, ताइवान की मेनलैंड अफेयर काउंसिल ने कहा है कि ताइवान अपनी संप्रभुता की सुरक्षा करना जानता है।
इससे पहले ताइवान ने चीन के बढ़ते खतरे को लेकर सभी एशियाई देशों को आगाह किया था। एक खास इंटरव्यू में ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वें ने आगाह किया था कि अगर चीन को नहीं रोका गया तो एशिया के दूसरे देश उसके निशाने पर आ जाएंगे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा था कि ताइवान अगर बातचीत से नहीं माना तो चीन सैन्य कार्रवाई से भी पीछे नहीं हटेगा।
गौरतलब है कि पिछले शनिवार को चीनी बमवर्षक और लड़ाकू जेट विमान दक्षिण चीन सागर में ताइवान द्वीप के निकट अवैध रूप से प्रवेश किए थे। इस घटना के बात ताइवान की सेना सतर्क हो गई और उसने अपने लड़ाकू विमानों के लिए तैयार रहने को कहा। इसके जवाब में रविवार को अमेरिका के विमान वाहक पोत ने दक्षिण चीन सागर में प्रवेश कर गए। इससे इस क्षेत्र में तनाव काफी बढ़ गया है।