देश आज अपना 72वां गणतंत्र दिवस (Republic Day) मना रहा है। यह वही दिन है जिस दिन हमारे देश को अपना संविधान (Constitution) मिला था। 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था। संविधान लागू होने के बाद हमारा देश एक गणतंत्र देश बना।
इस खास मौके पर राजपथ (Rajpath) पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) परेड (Parade) की सलामी लेंगे। राष्ट्रपति राजपथ पर तिरंगा भी फहराएंगे। इस समारोह में भारत की सांस्कृतिक विविधता, सामाजिक और आर्थिक प्रगति के साथ-साथ दुनिया में बढ़ती सैन्य ताकत का अनोखा नजारा देखने को मिलेगा।
गणतंत्र दिवस 2021 के मौके पर इस साल कोई चीफ गेस्ट नहीं होगा। ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन को इस साल मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था लेकिन ब्रिटेन में नए कोरोना स्ट्रेन के प्रकोप के चलते उन्हें अपनी यात्रा रद करनी पड़ी। आपको बता दें कि इससे पहले भारत में 1952, 1953 और 1966 में भी गणतंत्र दिवस परेड के लिए मुख्य अतिथि नहीं थे।
राजपथ पर सैन्य शक्ति, बहुमूल्य सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक-आर्थिक प्रगति का भव्य प्रदर्शन होगा। हालांकि कोरोना महामारी के कारण इस साल इसमें काफी बदलाव देखने को मिलेंगे। इस बार का ये कार्यक्रम थोड़ा अलग होगा। कोरोना महामारी के कारण इस बार परेड स्थल के एंट्री प्वाइंट पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था होगी और साथ ही डॉक्टर और हेल्थ वर्कर भी होंगे। इसके साथ ही सैनिटाइजर, फेस मास्क और ग्लव्स की भी व्यवस्था होगी।
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान इस साल कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया भी दिखाई जाएगी। केंद्रीय जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) की झांकी स्वदेशी रूप से कोरोना वैक्सीन के निर्माण के लिए वैज्ञानिकों द्वारा किए गए प्रयासों को प्रदर्शित करेगी। झांकी वैक्सीन के पूर्व-परीक्षण और परीक्षण के विभिन्न चरणों का प्रदर्शन करेगी।
कोरोना महामारी की वजह से इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में काफी कम लोगों को परेड देखने का मौका मिलेगा। इस बार सिर्फ 25 हजार लोगों को समारोह में शामिल होने की अनुमति दी गई है। जबकि पिछले साल तकरीबन डेढ़ लाख दर्शक परेड देखने आए थे। इस साल केवल 4,000 आम लोगों को अनुमति दी गई है, जबकि बाकी दर्शक वीवीआईपी और वीआईपी मेहमान होंगे। इसके साथ ही 15 साल से कम उम्र के बच्चों को यहां प्रवेश नहीं मिलेगा।
कोरोना की इस साल गणतंत्र दिवस परेड का आकार भी घटाया गया है। मार्च करने वाले सैन्य दस्तों की संख्या 144 से घटाकर 96 कर दी गई है। इस बार महज 32 झांकियां निकलेंगी। जिनमें से 17 अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की होगी। जबकि विभिन्न मंत्रालयों से जुड़ी नौ झांकियां होंगी। वहीं सुरक्षाबलों की 6 झांकियां होंगी। कोरोना की वजह परेड के दौरान सैनिक मास्क लगाए आएंगे।
कोरोना संकट की वजह से परेड और झांकियों के रूट में भी बदलाव किया गया है। गणतंत्र दिवस परेड और झांकियां के इस बार राष्ट्रपति भवन से शुरू होकर आगे का रास्ता अलग-अलग होगा। परेड जो पहले लाल क़िले तक जाती थीं, इस बार केवल नेशनल स्टेडियम तक ही जाएंगी और झांकियां केवल लाल किले तक जाएगी।