कोरोना काल में डिजिटल भुगतान में आई तेजी को जारी रखने के लिए सरकार आगामी बजट में कई इंसेंटिव की घोषणा कर सकती है। खास कर छोटे शहरों में डिजिटल भुगतान बढ़ाने पर सरकार का विशेष ध्यान रहेगा। किसी के व्यक्तिगत संपर्क में आए बिना आसानी से हो सकने के कारण कोरोना काल में सभी प्रकार के डिजिटल भुगतान में बढ़ोतरी दर्ज की गई। चालू वित्त वर्ष 2020-21 में लक्ष्य से अधिक डिजिटल भुगतान की उम्मीद की जा रही है। चालू वित्त वर्ष के लिए 4,630 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन का लक्ष्य रखा गया था। इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय के डिजीधन के आंकड़ों के मुताबिक, 23 जनवरी तक 3,950 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन किए जा चुके हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल, 2020 में भीम यूपीआई से 99.95 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए थे, जो दिसंबर, 2020 में बढ़कर 223.41 करोड़ के स्तर पर पहुंच गया। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, सरकार बजट में डिजिटल भुगतान पर मर्चेट को लगने वाले शुल्क में कोई बढ़ोतरी न करके उन्हें कुछ राहत दे सकती है। किसी वस्तु की खरीदारी पर कार्ड से पेमेंट करने पर कारोबारियों को शुल्क चुकाना पड़ता है। हालांकि, यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से भुगतान करने पर कारोबारियों को कोई शुल्क नहीं देना होता। माना जा रहा है कि बजट में क्रेडिट कार्ड को यूपीआई भुगतान प्रणाली से जोड़ा जा सकता है, ताकि क्रेडिट कार्ड के जरिये भी यूपीआई मोड से भुगतान हो सके।