अमेरिकी टीका निर्माता फाइजर-बायोएनटेक की बनायी कोरोना वैक्सीन की समय पर आपूर्ति न हो पाने से टीकाकरण करा रहे दुनिया के 80 फीसदी देशों में संकट खड़ा हो गया है। रूस व चीन के इतर दुनिया में सबसे पहला कोरोना टीका फाइजर-बायोएनटेक ने तैयार किया था, इसकी खुराकों को बड़ी तादाद में लगभग हर अमीर देश ने सबसे पहले खरीद लिया। इसके बावजूद ये धनी देश तेजी से कोरोना टीकाकरण नहीं करा पा रहे हैं। इन देशों का आरोप है कि फाइजर समय पर टीका उपलब्ध करवाने में विफल हो रहा है। इटली ने खुराकों की डिलीवरी न मिलने के कारण फाइजर पर कानूनी कार्रवाई करने की घोषणा कर दी है। अमेरिका की फार्मास्यूटिकल फर्म ने यूरोपीय देशों में टीका आपूर्ति में अस्थायी तौर पर कटौती कर दी है। फाइजर का कहना है कि वह अगले कुछ सप्ताह के लिए टीका आपूर्ति को धीमा करेगा, क्योंकि टीका निर्माण की क्षमता बढ़ाने के लिए उसके बेल्जियम स्थित प्रोसेसिंग प्लांट में काम चल रहा है। इस स्थिति के कारण जर्मनी के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तरी राइन-वेस्टफेलिया में टीकाकरण टालना पड़ा। यह राज्य टीका मिल जाने के बाद फरवरी में टीकाकरण की शुरुआत करेगा। दूसरी ओर इटली के कई क्षेत्रों ने टीकाकरण के पहले चरण को निलंबित करना पड़ा, क्योंकि पर्याप्त खुराकें मौजूद नहीं थीं, जबकि स्पेन के मैड्रिड में स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण रोक दिया गया है। रोमानिया में भी स्थिति खराब है, वहां दो सप्ताह बाद वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो जाएगा। चेज रिपब्लिक ने कहा कि पूरे टीके न मिलने से टीकाकरण की योजना धराशायी हो गई है। वहीं, हालात को देखते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री ने खुद कंपनी से बात करके समय पर आपूर्ति करने को कहा है।
देरी से नाराज दो देश करेंगे कानूनी कार्रवाई: इटली और पोलैंड ने आधिकारिक बयान जारी करके फाइजर को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। इटली में इस सप्ताह टीका आपूर्ति में 29 प्रतिशत की कमी आ गई, कंपनी ने कहा है कि अगले सप्ताह 20 प्रतिशत कम डोज मिलेंगी। दूसरी ओर, पोलैंड को पहले चरण में मिलने वाले टीके की खुराकों की 50 फीसदी आपूर्ति घट जाने से स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि अगर फाइजर फरवरी तक आपूर्ति सुधारने का वादा पूरा नहीं करता तो उस पर कानूनी कार्रवाई होगी। इजरायल में टीका लगने के बाद भी लोग संक्रमित: अब तक टीका लगवाने वालों पर हुईं आरटीपीसीआर जांच में पाया कि देश में 12400 टीका लाभार्थी संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 69 लाभार्थी ऐसे हैं, जो टीके की दोनों खुराकें लेने के बाद संक्रमित हुए। देश में महामारी के राष्ट्रीय समन्वयक ने कहा कि यह टीका उम्मीद के मुताबिक असरदायक साबित नहीं हो रहा है।
गरीब देशों को भी मिलेगी फाइजर की वैक्सीन : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों को टीका उपलब्ध करवाने की पहल ‘कोवैक्स’ के लिए फाइजर-बायोएनटेक से टीका खरीदने का समझौता कर लिया है। इससे गरीब व विकासशील देशों को भी कम दामों में फाइजर का टीका उपलब्ध हो सकेगा। गौरतलब है कि शून्य से 70 डिग्री कम ताप पर रखा जाने वाला यह टीका बहुत महंगा है और इसकी 80 प्रतिशत खुराके सभी बड़े देश खरीद चुके हैं।