सरकार धांधली रोकने के लिए तमाम कदम उठाती है, लेकिन विभागों की लापरवाही और अनदेखी के चलते पलीता लग जाता है। किसानों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए सरकार ने एक स्कीम शुरू की जो प्रशासन की लापरवाही का शिकार बन गई, जिसकी वजह से अयोग्य लोगों ने बड़े स्तर पर फायदा उठाया। ऐसे मामला प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में सामने आया है। इस योजना का लाभ उन किसानों को भी मिल गया, जो इनकम टैक्स भरते हैं। इसका खुलासा कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव जुड़े वेंकटेश नायक ने आरटीआई में मांगी थी जानकारी के बाद किया है।
जानिए कैसे मिला अयोग्य लाभार्थियों को फायदा
केंद्रीय कृषि मंत्रालय से आरटीआई में मांगी गई जानकारी के बाद खुलासा हुआ कि योजना का लाभ उन किसानों को भी मिल गया, जो जरूरी योग्यता नहीं रखते। वहीं, दूसरी कैटेगरी में वे किसान भी हैं, जो इनकम टैक्स भरते हैं। वेंकटेश के मुताबिक योजना का लाभ उठाने वाले 55 प्रतिशत किसान इनकम टैक्स भरते हैं। जबकि इस योजना में ऐसे किसानों को लाभ नहीं दिया जाना था। वहीं, 44.41% ऐसे किसान हैं, जो जरूरी योग्यता पूरी नहीं करते।
वहीं, पंजाब में 23.6% यानी करीब 4.74 लाख) अपात्र किसानों के खाते में योजना के तहत पैसा डाल दिया गया। 16.8% यानी 3.45 लाख किसान असम के हैं। तीसरे नंबर पर आता है महाराष्ट्र, जहां 13.99% यानी 2.86 लाख अपात्र किसानों से स्कीम का गलत फायदा उठाया। गुजरात में गुजरात में 8.05% यानी 1.64 लाख और उत्तर प्रदेश में 8.01% यानी 1.64 लाख अपात्र किसानों ने योजना का लाभ उठाया। सिक्किम में सिर्फ एक अयोग्य किसान ने इसका गलत फायदा उठाया। इस तरह करीब 20 लाख अयोग्य किसानों को 1,368 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया।
जानिए क्या है तरीका
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 2019 में शुरू की गई थी। मकसद था कि छोटे किसानों को साल में तीन बार 2-2 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। इसके लिए कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के जरिए रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसमें पटवारी, राजस्व अधिकारी और नोडल अधिकारी ही रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं। इस योजना में अब तक 11 करोड़ किसानों को लाभ मिला है। पश्चिम बंगाल में यह योजना राजनीति के पेंच में फंसी हुई है।