भारत में 16 जनवरी से कोरोना के खिलाफ भारत का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हो रहा है। मंगलवार से देश के विभिन्न सेंटरों पर सरकार की देखरेख में पुरी सुरक्षा के साथ वैक्सीन पहुंचाई जा रही है। पहले चरण में सिर्फ स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन लगाई जाएगी। ऐसे में आम लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल है कि उन्हें वैक्सीन कब लगाई जाएगी? लोग लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं।सरकार अगले छह से आठ महीनों में कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ भारत में 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने की योजना बना रही है, जिसकी शुरुआत फ्रंटलाइन वर्कर्स से होगी।
आम लोगों को कब लगेगी वैक्सीन?
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से साफ कर दिया गया है कि पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को ही वैक्सीन दी जाएगी। इसके बाद सरकार ने देश के करीब 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने की रूपरेखा तैयार की है। हालांकि आम लोगों को वैक्सीन के लिए अभी कम से कम अगले छह महीने तक का इंतजार करना होगा। यह भी साफ हो गया है कि वैक्सीन को किसी निजी अस्पताल में लगाने की इजाजत फिलहाल नहीं दी जा रही है।सरकार वैक्सीन के काम को अपनी देखरेख में ही अंजाम देगी। आम लोगों के लिए जुलाई तक वैक्सीन उपलब्ध होने की उम्मीद है।
सबसे पहले किसे मिलेगी वैक्सीन
कोरोना वैक्सीन प्रशासन के लिए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह द्वारा की गई सिफारिशों के मुताबिक ये वैक्सीन सबसे पहले सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में काम करने वाले लगभग एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मचारियों को दिया जाएगा।इन स्वास्थ्य सेवा श्रमिकों को आगे उप-श्रेणियों में विभाजित किया गया है - फ्रंटलाइन स्वास्थ्य और एकीकृत बाल विकास सेवा कार्यकर्ता, नर्स और पर्यवेक्षक, चिकित्सा अधिकारी, पैरामेडिकल स्टाफ, सहायक कर्मचारी और छात्र। उसी का डेटा सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं से एकत्र किया गया है और कॉइन (CoWIN)में फीड जा रहा है।
दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स में सभी राज्य और केंद्रीय पुलिस विभाग, सशस्त्र बल, होमगार्ड, आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा संगठन, जेल कर्मचारियों, नगरपालिका के श्रमिकों और राजस्व अधिकारियों से जुड़े लगभग दो करोड़ फ्रंटलाइन कार्यकर्ता, कोरोना वायरस के नियंत्रण में लगे हुए हैं। इनके अलावा राज्य सरकार और रक्षा, गृह, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालयों से जुड़े श्रमिकों को भी इस चरण में सम्मिलित किया जाएगा। वहीं तीसरे चरण में इस श्रेणी में आने वाले लोगों को भी दो भागों में बांटा गया है। पहली श्रेणी 60 साल से ऊपर और दूसरी 50 से 60 साल के बीच की है। इन लोगों की पहचान लोकसभा और विधानसभा चुनाव की सबसे अपडेट लिस्ट से किया जाएगा।
देशभर में होंगे 28 हजार वैक्सीनेशन प्वाइंट
वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से डील पूरी होने के बाद इन्हें देश के अलग-अलग 31 मेन हब में रखा जाएगा। ये हब देश के अलग-अलग हिस्सों में बनाए गए हैं। इसके बाद इन वैक्सीन को यहां से देश के 28 हजार वैक्सीनेशन प्वाइंट पर भेजा जाएगा। ये प्वाइंट अलग-अलग राज्यों में हैं। जरूरत पड़ने पर वैक्सीनेशन प्वाइंट की संख्या बढ़ाई जा सकती है।