भारत में 16 जनवरी से कोरोनावायरस से बचाव के लिए टीकाकरण प्रक्रिया शुरू हो रही है। पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की तैयारी की जा रही है। जुलाई तक इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। भारत में शुरूआती चरण में 30 करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और अन्य बेहद जरूरतमंद लोगों को वैक्सीन दी जाएगी। जुलाई तक इस काम को पूरा करने के बाद देश के अन्य नागरिकों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
प्रधानमंत्री ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए CoWIN app बनाया गया है। टीकाकरण से जुड़ा रियल टाइम का डाटा अपलोड हो, यह ज़रूरी है। उन्होंने बताया कि पहला टीका लगते ही लाभार्थी को एक सर्टिफिकेट मिलेगा। ऐप से ही टीके की दूसरी डोज़ के बाद फाइनल सर्टिफिकेट लाभार्थी को मिलेगा। 'आधार' की मदद से भी लाभार्थी की पहचान करनी है ताकि सही लाभार्थी को ही टीका लगे।
हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को यह सूचित करना होगा कि किसी भी अफवाह को कोई हवा ना मिले। देश और दुनिया के अनेक शरारती तत्व हमारे इस अभियान में बाधा डालने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसी हर कोशिश को देश के हर नागरिक तक सही जानकारी पहुंचा करना काम करना है। सभी संस्थाओं को इस अभियान में अपने साथ जोड़ना होगा। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि कोरोना वैक्सीन से रूटीन टीकाकरण का कार्यक्रम नहीं रुकेगा।
पीएम का आश्वासन- पूरी तरह सुरक्षित हैं कोवीशील्ड और कोवैक्सीन
प्रधानमंत्री ने कोवीशील्ड और कोवैक्सीन की सुरक्षा को लेकर भी मुख्यमंत्रियों को आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि देश में तैयार दोनों टीके किफायती हैं और देशवासियों को प्रभावी वैक्सीन देने के लिए वैज्ञानिक समुदाय ने सभी सावधानियां बरती हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों में टीकाकरण शुरू कर दिए जाने के बाद यह सवाल उठाए गए कि भारत में क्यों देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि मैंने तब भी कहा था कि साइंटिफिक कम्युनिटी के सलाह से हम काम करेंगे। हमारे दोनों वैक्सीन कॉस्ट इफेक्टिव हैं, यह वैक्सीन भारत की परिस्थितियों को देखते हुए निर्मित की गई हैं। देशवासियों को प्रभावी वैक्सीन देने के लिए हमारे वैज्ञानिक समुदाय ने सभी सावधानियां बरती हैं।