राज्य सरकार ने विधानसभा में विपक्ष के नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस समेत कई नेताओं की सुरक्षा घटा दी है, जिससे राज्य की राजनीति में सुरक्षा कटौती को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। सरकार ने पूर्व सीएम फड़नवीस के साथ उनके परिवार, उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक, पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, मनसे प्रमुख आदि की सुरक्षा घटा दी है। वहीं महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की सुरक्षा वापस ले ली गई है। सरकार के अचानक लिए गए इस निर्णय से राज्य की राजनीति एक बार फिर से गर्म हो गई है और आरोप- प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है।
गौरतलब हो कि आठ जनवरी को जारी सरकारी अधिसूचना के अनुसार फड़नवीस को अब ‘जेड-प्लस’ श्रेणी के बजाए एस्कॉर्ट के साथ वाई-प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी। यही नहीं देवेंद्र फड़नवीस की सुरक्षा घटाई ही नहीं गई, बल्कि उनकी बुलेटप्रूफ गाड़ी भी वापस ले ली गई है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी अमृता फड़नवीस और बेटी दिविजा की सुरक्षा ‘एस्कॉर्ट के साथ वाई-प्लस’ श्रेणी से घटा कर ‘एक्स’ श्रेणी कर दी गई है। उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक को अब ‘वाई-प्लस’ के बजाए ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी। मनसे प्रमुख राज ठाकरे की सुरक्षा ‘जेड’ श्रेणी से घटा कर ‘एस्कॉर्ट के साथ वाई प्लस’ श्रेणी की कर दी गई है। भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे, राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल और पार्टी के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार की सुरक्षा वापस ले ली गई है। राणे के पास ‘वाई-प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा थी। इसके अलावा राज्य लोकायुक्त एमएल टाहिलियानी की सुरक्षा ‘जेड’ श्रेणी से घटाकर ‘वाई’ श्रेणी की कर दी गई है।
मैं जनता का आदमी हूं : फड़नवीस
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि वर्तमान में सुरक्षा राजनीतिक आधार पर दी जा रही है। कुछ लोगों को विशेष खतरा नहीं होता है, फिर भी उन्हें कड़ी सुरक्षा दी जाती है। मेरे पास इसका कोई मुद्दा नहीं है। मुझे लगता है कि सरकार कोई भी निर्णय ले सकती है। सरकार के निर्णय पर फड़नवीस ने कहा कि उन्हें किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं हैं और न ही किसी प्रकार की चिंता है। उन्होंने कहा कि मैं जनता का आदमी हूं और इससे लोगों से मिलने के लिए होने वाली यात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।