औरंगाबाद का नाम बदलने का मामला गरमाया हुआ है। अब इस मामले पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तरफ से बड़ा बयान आया है। इसमें उन्होंने संभाजीनगर के उल्लेख को उचित बताते हुए कांग्रेस को खरी-खरी सुनाई है।
पत्रकारों ने जब मुख्यमंत्री से पूछा कि सीएमओ के ट्विटर हैंडल में संभाजीनगर का उल्लेख किया गया है? इस पर उन्होंने कहा कि इसमें नया कुछ भी नहीं है, मैंने वर्षों से वहीं बोला है, वहीं कहा है और यही स्वीकार करूंगा। जब उनसे कांग्रेस की तरफ से जताई जा रही नाराजगी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि औरंगजेब धर्मनिरपेक्ष नहीं था। ऐसे में हमारे एजेंडे में जो धर्मनिरपेक्ष शब्द है, उसमें वह फिट नहीं बैठता।
महाविकास आघाड़ी सरकार में शामिल शिवसेना औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर रखना चाहती है, जबकि कांग्रेस को इस पर आपत्ति है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) से किए गए ट्वीट में जब औरंगाबाद का उल्लेख संभाजीनगर के रूप में किया गया तो विवाद बढ़ गया। इस मसले पर कांग्रेस ने आपत्ति प्रकट की थी। कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बाला साहेब थोरात ने कहा था कि वे इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से मिलकर बात करेंगे। बाला साहब थोरात ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत बनाई गई है। इस प्रोग्राम में कहीं पर भी शहरों का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। शहरों का नाम बदलने से वहां के नागरिकों की किसी भी समस्या का निराकरण नहीं होता है। इसीलिए कांग्रेस शहरों के नाम बदलने वाली राजनीति में भरोसा नहीं रखती है।