देवमई विकास खण्ड के बिजौली गांव के विनायक मंदिर मे आयोजित श्रीमदभागवत कथा के दूसरे दिवस आचार्य राघवशरण जी महाराज ने कथा का वृतांत सुनाते हुए कहा की भागवत वही अमर कथा है जो भगवान शिव ने माता पार्वती को सुनाई थी।
दूसरे दिवस कथा मे समाजसेवी संगम सिंह तोमर पहुचे,उन्होने व्यास पीठ की आरती किया। आचार्य राघव शरण महाराज ने कहा कथा सुनना भी सबके भाग्य में नहीं होता जब भगवान् भोलेनाथ से माता पार्वती ने उनसे अमर कथा सुनाने की प्रार्थना की तो बाबा भोलेनाथ ने कहा की जाओ पहले यह देखकर आओ की कैलाश पर तुम्हारे या मेरे अलावा और कोई तो नहीं है क्योकि यह कथा सबको नसीब में नहीं है।
माता ने पूरा कैलाश देख आई पर शुक के अपरिपक्व अंडो पर उनकी नज़र नहीं पड़ी।भगवान शंकर जी ने पार्वती जी को जो अमर कथा सुनाई वह भागवत कथा ही थी। लेकिन मध्य में पार्वती जी को निद्रा आ गई।और वो कथा शुक ने पूरी सुन ली। यह भी पूर्व जन्मों के पाप का प्रभाव होता है कि कथा बीच में छूट जाती है। भगवान की कथा मन से नहीं सुनने के कारण ही जीवन में पूरी तरह से धार्मिकता नहीं आ पाती है।
जीवन में श्याम नहीं तो आराम नहीं। भगवान को अपना परिवार मानकर उनकी लीलाओं में रमना चाहिए। गोविंद के गीत गाए बिना शांति नहीं मिलेगी। धर्म,संत,मां-बाप और गुरु की सेवा करो।जितना भजन करोगे उतनी ही शांति मिलेगी।संतों का सानिध्य हृदय में भगवान को बसा देता है।
क्योंकि कथाएं सुनने से चित्त पिघल जाता है और पिघला चित ही भगवान को बसा सकता है।इस मौके पर गणेश नारायण अवस्थी,आलोक गौड,अशोक गुप्ता,पूतन,कल्लू, पूर्विदीन कुशवाहा,ओम तिवारी,सुंदर सविता,राहुल कुशवाहा,नारदानंद स्वामी,रामशंकर, राकेश शुक्ला,चंदन तिवारी, प्रमोद अवस्थी, हरिओंम दिवेदी, पवन,राजकुमार,जगतपाल आदि रहे।