फास्टैग प्रणाली का अधिकाधिक उपयोग करने के लिए महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। महामंडल अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले यशवंतराव चव्हाण मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे और राजाव गांधी सागर सेतु (बांद्रा-वर्ली सी लिंक) के टोल नाकों पर फास्टैग धारक वाहनों को पांच प्रतिशत कैशबैक प्रदान करेगा। यह सुविधा 11 जनवरी 2021 से दी जाएगी।
टोल नाकों से गुजरने वाले वाहनों की यात्र को कैशलेस और तेज बनाने के लिए फास्टैग प्रणाली विकसित की गई है। फास्टैग का अधिकाधिक उपयोग बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल ने वाहन धारकों को प्रोत्साहन देने के लिए कैशबैक योजना घोषित की है। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे और बांद्रा-वर्ली सी लिंक से यात्रा करने वाले वाहनों से हर बार टोल टैक्स की पांच फीसदी रकम कैसबैक रकम वाहन धारक के फास्टैग खाते में महामंडल की तरफ से सीधे जमा कराई जाएगी। फास्टैग का उपयोग बढ़ाने के लिए महामंडल ने कार, जीप व एसयूवी वाहनों धारकों के लिए सीमित अवधि के लिए यह सुविधा प्रदान की है। इस बात की जानकारी सह व्यवस्थापकीय संचालक विजय वाघमारे ने दी।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राज्य भर के टोल प्लाजाओं में फास्टैग प्रणाली की आवश्यक संरचना के विकास के लिए महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल को नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया है। इसके तहत यशवंतराव चव्हाण मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे, सतारा-कागल राष्ट्रीय हाईवे, राजीव गांधी सागर सेतु (बांद्रा-वर्ली) सहित मुंबई के एंट्री प्वाइंट वाशी, मुलुंड (पूर्व एक्सप्रेस-वे), मुलुंड (लाल बहादुर शास्त्री), ऐरोली टोल नाका पर फास्टैग प्रणाली कार्यान्वित की गई है। फास्टैग प्रणाली के सौ फीसदी क्रियान्वयन की तैयारी अंतिम चरण में है।
फास्टैग वाहनों की संख्या बढ़ाने के लिए बांद्रा-वर्ली सी लिंक तथा मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे मार्ग पर खालापुर, तलेगांव टोल नाका, फूड मॉल, पेट्रोल पंपों में अगल-अलग बैंकों की मदद से फास्टैग स्टॉल शुरू किए गए हैं।