दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र कहे जाने वाले अमेरिका में सत्ता के लिए पहली बार ऐसा कुछ हुआ, जिसे दुनिया ने देखा। गत तीन नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित हुए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन की जीत पर मुहर लगाने के लिए बुधवार को संसद का संयुक्त सत्र बुलाया गया था। इसी दौरान हजारों ट्रंप समर्थकों ने संसद पर धावा बोल दिया और सुरक्षा व्यवस्था को तोड़कर सैकड़ों परिसर में घुस गए। परिसर में जमकर तोड़फोड़ की और गोलियां चलाई।
इस अभूतपूर्व हिंसा के चलते संसद परिसर में भगदड़ मच गया और सांसद जान बचाने के लिए इधर-उधर छुप गए। पुलिस के साथ हुई झड़प में चार लोगों की मौत हो गई और 14 पुलिस अधिकारियों समेत कई अन्य घायल हो गए। पुलिस ने 52 लोगों को गिरफ्तार किया है। संसद परिसर करीब चार घंटे तक ट्रंप समर्थकों के कब्जे में रहा।
हालात सामान्य होने पर देर रात संसद की दोबारा कार्यवाही हुई और बाइडन की जीत पर मुहर लगाने की औपचारिकता पूरी की गई। इसके बाद ट्रंप ने भी आखिरकार अपनी हार मान ली और कहा कि वह 20 जनवरी को सत्ता सौंप देंगे। संसद परिसर कहे जाने वाला कैपिटल 220 वर्षो में पहली बार इस तरह की हिंसा का गवाह बना।
ट्रंप ने ट्विटर पर जारी किया वीडियो संदेश
इससे पहले ट्रंप ने ट्विटर पर एक वीडियो संदेश जारी कर अपने समर्थकों को कैपिटल की ओर कूच करने का आह्वान किया था। बाद में उन्होंने समर्थकों से कानून का पालन करने की अपील करते हुए कहा, 'यह धोखाधड़ी वाला चुनाव था, लेकिन हमें इन लोगों के चंगुल में फंसना नहीं है। हम शांति चाहते हैं। इसलिए आप लोग घर लौट जाएं।'
घटना को लेकर जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जताया दुख
अमेरिका के भावी राष्ट्रपति जो बाइडन ने संसद पर हमले की तीखी आलोचना की और कहा कि अमेरिका में यह सब देखकर दुख हो रहा है। यह लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमला है। यह विरोध नहीं राजद्रोह है। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हमले के लिए ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया। जबकि अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप को राष्ट्रपति पद से तत्काल हटाने की मांग की।इधर, मेट्रोपोलिटन पुलिस प्रमुख रॉबर्ट कोंटे ने बताया कि ट्रंप समर्थकों ने उपद्रव किया। उनका कृत्य शर्मनाक है। कैपिटल पुलिस की कार्रवाई में एक महिला की गोली लगने से मौत हो गई। इसके अलावा तीन और लोगों की जान चली गई। वाशिंगटन के मेयर ने शहर में कर्फ्यू लगाने के साथ ही 15 दिनों के लिए इमरजेंसी का एलान भी किया है। अधिकारियों ने बताया कि भीड़ को खदेड़ने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। कैपिटल अब पूरी तरह सुरक्षित है।
संसद परिसर में जमकर तोड़फोड़
इससे पहले अमेरिकी मीडिया में आए वीडियो के अनुसार, सैकड़ों लोगों की भीड़ सुरक्षा व्यवस्था को तोड़कर संसद परिसर में घुस गई। कई लोग दीवारों और शपथ ग्रहण के लिए तैयार किए गए मंच पर चढ़े दिखाई दिए। इस दौरान जमकर तोड़फोड़ की गई। गोलियां चलने की आवाज भी सुनाई दी। बाद में सुरक्षा बलों ने परिसर से उप राष्ट्रपति माइक पेंस और सांसदों को सुरक्षित निकाला।
पाइप बम और हथियार बरामद
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कई लोगों को बिना लाइसेंस या प्रतिबंधित हथियारों के साथ पकड़ा गया। दो पाइप बम भी बरामद किए गए। इधर, एफबीआइ ने हिंसा में शामिल लोगों की पहचान के लिए लोगों से मदद मांगी है।
46वें राष्ट्रपति बनेंगे बाइडन
हालात सामान्य होने पर बुधवार देर रात दोबारा संसद की कार्यवाही हुई। इसमें अमेरिकी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत बाइडन की जीत पर मुहर लगाने की औपचारिकता पूरी की गई। वह 20 जनवरी को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे। उनके साथ भारतीय मूल की कमला हैरिस भी उप राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी।