पुलवामा में शहीद हुए भरतपुर जिले के नगर तहसील के गांव सुंदरावली निवासी जीतराम गुर्जर का परिवार अभी शहीद के सम्मान का इंतजार कर रहा है.एक साल पहले शहादत के समय नेताओं ने कई वादे किए थे.लेकिन अभी तक ना तो शहीद का स्मारक बनवाया गया है और ना ही परिवार को कृषि कनेक्शन मिल पाया है.अब मजबूरन परिजन खुद के पैसों से ही शहीद का स्मारक बनवाने की तैयारी कर रहे हैं.
शहीद जीत राम के पिता राधेश्याम ने बताया कि केंद्र सरकार ने शहीद जीत राम के शहीद होने के बाद केंद्र सरकार द्वारा 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई थी. लेकिन एक साल गुजरने के बाद भी ना तो उस शहीद का स्मारक बना है और ना ही कृषि कनेक्शन मिला है और ना ही किसी परिजन को नौकरी मिली है. भाई विक्रम ने बताया कि शहादत के समय तत्कालीन सांसद बहादुर सिंह कोली ने घोषणा की थी कि शहीद के स्मारक के लिए 10 लाख रुपए देंगे लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई आर्थिक सहायता उपलब्ध नहीं कराई गई है.
इसके अलावा कृषि कनेक्शन देने और गांव के स्कूल का नामांतरण शहीद के नाम पर करने का वादा भी था.जो कि अभी तक पूरा नहीं हुआ. शहीद के भाई विक्रम सिंह ने बताया की राज्य सरकार के अधूरे वादों को लेकर कई बार जिला प्रशासन के यहां संपर्क किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई अब परिजन अपने पैसे से ही शहीद का स्मारक बनवाएंगे बता दे पिछले साल फरवरी में पुलवामा हमले में भरतपुर जिले के नगर तहसील के गांव सुंदरावली के जीतराम गुर्जर सहित प्रदेश के 5 वीर सपूत देश के लिए शहीद हो गए थे शहीद जीत राम गुर्जर के परिवार में उनकी वीरांगना सुंदरी देवी,दो बच्चे,माता पिता और एक छोटा भाई है.