देश की राजधानी दिल्ली में कई हफ्तों से डेरा डाले किसानों के साथ चल रही मान-मनौव्वल के बीच वित्त मंत्रालय के अधिकारी आगामी आम बजट में कृषि क्षेत्र से जुड़े प्रस्तावों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। संकेत इस बात का है कि कृषि सुधार कानूनों को लेकर कुछ विरोधी सुर उभरने के बावजूद सरकार पीछे नहीं हटने वाली है। किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर कई प्रावधान तो इस बजट में होंगे ही, पंजाब और हरियाणा के किसानों के लिए कुछ खास घोषणा भी की जा सकती है।
बजट में इस बात का पूरा ख्याल रखा जाएगा कि कोरोना काल के भयंकर संकट के बावजूद कृषि क्षेत्र की विकास दर बहुत प्रोत्साहित करने वाली रही है। भारतीय कृषि को वैश्विक बाजार से जोड़ने की दिशा में कुछ बेहद महत्वपूर्ण घोषणा हो सकती है। संकट से घिरे कृषि क्षेत्र को सुधारों के जरिये नई ऊंचाई पर पहुंचाने की कोशिश लगातार हो रही है। केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए व्यापक योजना लागू की है, जिसका लक्ष्य 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करना है।
पिछले दोनों आम बजट में इस दिशा में कई कारगर प्रयास किए गए हैं। कोरोना काल के दौरान भी सरकार ने कृषिष क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। हरित क्रांति वाले राज्यों-पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन से यहां की मिट्टी ऊसर होने के कगार पर पहुंच गई है। भूजल की हालत खराब है। अत्यधिक रसायनों के प्रयोग से वहां के आम लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। इन राज्यों की खेती में फसल विविधीकरण (डाइवर्सिफिकेशन) पर जोर देना होगा।