महाराष्ट्र के भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने सोमवार को कहा कि औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर किए जाने का फैसला 'सबको स्वीकार्य' है और अगर उनकी पार्टी यहां महानगरपालिका में सत्ता में आती है तो वह इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित करेगी। पाटिल ने शिवसेना के रुख की भी निंदा की जो कई वर्षों से नाम परिवर्तन की समर्थक रही है, लेकिन अब वह इसका लगातार विरोध कर रही कांग्रेस के साथ सत्ता में है। पाटिल ने पत्रकारों से कहा कि संभाजीनगर नाम सभी को स्वीकार्य है।
फिर हम नाम क्यों नहीं बदलते हैं? मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि औरंगाबाद (महानगरपालिका) में सत्ता में आने पर हमलोग नाम परिवर्तन के पक्ष में एक प्रस्ताव पारित करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इसका विरोध किया है, लेकिन शिवसेना को अपनी सरकार चलाने के लिए कांग्रेस के सहयोग की जरूरत है। शिवसेना को निश्चित रूप से यह फैसला करना होगा कि क्या वह इस मुद्दे पर सरकार में बनी रहेगी। शिवसेना ने करीब दो दशक पहले औरंगाबाद का नाम बदलकर इसे संभाजीनगर करने की मांग की थी और इस संबंध में जून 1995 में औरंगाबाद नगर निगम में एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसे बाद में कांग्रेस के एक नगरसेवक ने उच्च न्यायालय और फिर उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।