इस साल मुंबई में नए वर्षपर ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों में काफी कमी आई है। इसकी वजह मुंबई में लागू नाइट कर्फ्यू माना जा रहा है। पुलिस ने इस साल शराब पीकर गाड़ी चलाने के कुल 59 मामले दर्ज किए हैं, जबकि पिछले यह आंकड़ा 778 था।
मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी चैतन्य एस ने बताया कि मुंबई के विभिन्न इलाकों में पुलिस ने नाकेबंदी कर लोगों की जांच की। इस दौरान शराब के सेवन की जांच के लिए पिछले साल की तरह ब्रेथ एनलाइजर का इस्तेमाल नहीं किया गया। जिन वाहन चालकों पर शराब के सेवन का शक था, उनके खून की जांच कराई गई और मामले की पुष्टि होने पर 59 वाहन चालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसके अलावा लॉकडाउन से जुड़े आदेश के उल्लंघन के आरोप में भी आईपीसी की धारा 188 के तहत 43 मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले कुछ सालों से शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले तेजी से बढ़ रहे थे, लेकिन इस साल रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू के चलते कम ही लोग घरों से बाहर निकलें।
पुलिस ने बताया कि कोरोना वायरस के मद्देनजर रात को लगे कर्फ्यू के कारण अधिकतर लोगों ने घर में ही नव वर्ष का जश्न मनाया। वाहनों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए नए साल की पूर्व संध्या पर शहर में कई स्थानों पर मुंबई यातायात पुलिस के कर्मी तैनात किए गए थे। गौरतलब है कि मुंबई में पांच जनवरी तक रात 11 बजे से सुबह छह बजे तक का कर्फ्यू लगा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के कारण यातायात पुलिस ने ‘ब्रेथ एनालाइजर’ का इस्तेमाल ना करने का निर्णय किया था। इस कारण वाहन चालकों के रक्त के नमूनों की जांच की गई।